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(देव शिला)
( ४०००
८.अमृतीभव प्रासाद
।
च
इसका निमण श्रीवृक्ष प्रासाद के अनुसार ही किया जाता है इसमें कोण पर तीन श्रृंग : शेष पूर्ववत् रखें।
श्रृंग संख्या तिलक संख्या को १२ प्रतिरथ . प्रतिस्थ ८ • I-दो मट्र १२ शिखर १
----- कुल ३३ कुल १६
e. हिमवान प्रासाद
इसका निर्माण अगृतोदभव प्रासाद के अनुसार ही किया जाता है इसमें अमृतोद्भव प्रासाद में प्रतिरथ थे। पर तिलक के बदले श्रृंग अर्थात् दो अंग चड़ावें । भद्र के ऊपर ती-1 के स्थान पर दा करुअंग रखें।
तिलक संख्यानन्दी ८
श्रृंग संख्याकोण १२ प्रतिस्थ १६ भद्र ८ शिखर १
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कुल ३७
कुल ८