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(दैव शिल्प) .
(३९५)
१. केसरी प्रासाद
तल का विभाग
. वर्गाकार प्रासाद के आठ भाग करें। दो भाग का कोना तथा दो भाग का भद्रार्ध बनायें। इन अंगों का निर्गम एक भाग रखें। एक भाग की परिक्रमा, एक एक भाग की दो दीवार तथा दो भाग का गर्भगृह बनायें। यदि बिना परिक्रमा का प्रासाद बनाना इष्ट हो तो प्रासाद की चौड़ाई के चौथे भाग के बराबर एक . एक दीवार तथा आधे भाग के बराबर गर्भगृह बनायें । गर्भगृह वर्गाकार रखें।
प्रासाद की भूमि के माप का आधा भद्र की चौड़ाई रखें, इससे आधा कोण (कर्ण) का विरतार रखें। कोण से आधा भद्र का निर्गम रखे।
शिखर की सजा भद्र के ऊपर रथिका तथा उद्गम बनायें। प्रासाद के चारों कोण के ऊपर एक- एक श्रीवत्स श्रृंग चढ़ायें।
श्रृंग संख्या - कोण ४ शिखर
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कुल
Chita
मिति
भ्रम
केसरी प्रासाद