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________________ (देव शिल्प (३२२) जैनेतरदेवों के पंचायतन सूर्य मन्दिर सूर्य के मन्दिर के पंचायतन देवों का स्थापना क्रम इस प्रकार है। मध्य में सूर्य तथा उसके उपरांत प्रदक्षिणा क्रम से गणेश, विष्णु, शक्तेि, नहादेव को स्थापित करें। साथ ही नवग्रह तथा बारह गणों की मूर्तियों की भी स्थापना करें। गणेश मन्दिर गणेश के मन्दिर में मध्य में गणेश की स्थापना करें तथा प्रदक्षिणा क्रम से शक्ति, महादेव, विष्णु एवं सूर्य को स्थापित करें। बारह गणों की मूर्तियां स्थापित करें। विष्णु मंदिर विष्णु के मन्दिर में मध्य में विधा को स्थापना करें तथा प्रदक्षिणा क्रम से गणेश, सूर्य शक्ति तथा महादेव को स्थापित करें। गोपिकाओं तथा अवतारों की मूर्तियां स्थापित करें। शक्ति मंदिर" शक्ति के मन्दिर में मध्य में शक्ति की स्थापना करें तथा प्रदक्षिणा नाम से महादेव, गणेश, सूर्य, तथा विष्णु को स्थापित करें। मातृदेवो, चौसट योगिनी आदि देवियों तथा भैरव आदि देवों की भी मूर्तियां स्थापित करें। महादेव मंदिर महादेव के मन्दिर में मध्य में महादेव की स्थापना करें तथा प्रदक्षिणा क्रम से सूर्य, गणेश, चण्डी तथा विष्णु को स्थापित करें।दृष्टिवेध का परिहार अवश्य करें। * पंचदेवों के नाम सूर्य, गणेश, विष्णु, शक्ति, महादेव पंचायतन के पंच देव हैं। इनमें से जिस देव का मन्दिर बनाना हो उन्हें मध्य में रखें । अन्य चार देवों की स्थापना का नाम उपरोक्त निर्देशानुसार ही करें।' निदेव स्थापना त्रिदेव मन्दिर में महादेव को मध्य में स्थापित करें। उनके बायीं ओर विष्णु की स्थापना करें। महादेव के दाहिनी ओर ब्रह्मा की स्थापना करें। # *प्रा. मं. २४१-४५ : शि. २. ११/८५ %23प्रा...२/४६ * शक्ति के अन्य नाम- अंबिका और चण्डी
SR No.090130
Book TitleDevshilp
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevnandi Maharaj
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages501
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Art
File Size9 MB
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