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(देव शिल्प
[३२१
१५. मानसी दिगम्बर परंपरा लाल सर्प
श्वेताम्बर परंपरा घवल*
वर्ण
हैस
वाहन भुजा बाएं हाथों में दाएं हाथों में
नमस्कार गुद्रा नमस्कार मुद्रा
चार * अक्षवलय, अशनि, वरदान. वज
१५- मानसी (दि.)
५५-मानसी (श्वे.)
१६. महामानसी दिगम्बर परंपरा श्वेताम्बर परंपरा
धवल
सिंह चार अक्षमाला, वरदान कुंडिका, ढाल माला, अंकुश वरदान, खग
वर्ण वाहन भुजा बाएं हाथों में दाएं हाथों में
हंस
चार -
१६- महामानसी (दि.)
१६- महामानसी (श्वे.)
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*आचार दिनकर में सुधार्ग वर्ग ; दो हाथ- वरदान **आचार दि-कर में मगर चाहन; दो हाश्य- तलवार. वरदान