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(देव शिल्प
२९०)
तीर्थंकर विमलनाथ
चतुर्मुख यक्ष श्वे.- षण्मुख यक्ष
विशे.
दिंग.
श्वे.
वर्ण
सफेद
वाहा
मोर
मोर
भुजा दाहिने हाथ में
बारह फरसा, फरसा, फरसा, फरसा, तलवार, माला फरसा, फरसा, फरसा, फरसा, ढाल, वरदान
बारह फल, चक्र, बाण, खड्ग, पाश, माला नेवला, चक्र, धनुष, दाल, अंकुश, अभय
बायें हाथ में
वैरोटी देवी विदिता (विजया) दिग.
विशे.
वर्ण
हरा
हरताल
सर्प
वाहन आसन भुजा दाहिने हाथ में बायें हाथ में
चार
सर्प, बाण रार्थ, धनुष
कमल चार याण, पाश धनुष, सर्प
चतुर्मुख यक्ष
वैरोटी देवी
*प्रतिष्ठा तिलक में छह