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(देव शिल्प
( २८०
श्वे.
विशे. वर्ण
तीर्थकर संभवनाथ
बिमुख यक्ष दिग. कृष्ण तीन तीन- ती.। मोर
मुख
नेत्र
कृष्ण तीन तीन-तीन मोर
छह
गुजा दाहिने हाथ में बायें हाथ में
दण्ड, त्रिशूल, लीक्षण कतरनी चा, तलवार, अंकुश
नेवला, गदा, अभय विजौरा, सांप, माला
प्रज्ञप्ति देवी (नम्रा देवी)
श्वे.- दुरितारि दिग. सफेद
विशे.
वण
गौर
वाहन भुजा दाहिने हाथ में बायें हाथ में
छह तलवार. इष्टी (तूची), बरदान अर्धचन्द्र, रसा, जल
मता चार वरदान माला फल, अभय
Vi
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त्रिमख यक्ष
प्रज्ञापा (ना) देवा