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(देव शिल्प)
प्रतीली मन्दिर के आगे भाग में द्वार के स्थान पर हों अथवा चार स्तंभ से युक्त तोरण आकृति का निर्माण किया जाता है, इसे प्रतोली कहते हैं। यह अत्यंत कलात्मक आकृतियों से युक्ता बनाया जाता है । इरो जगती के अग्रभाग में बनाते हैं। इसके पांच प्रकार हैं -
१. उत्तंग - दो स्तंभ वाली प्रतोली २. मालाधर - जोड़ रुप दो स्तंभ वाली प्रतोली विचित्र
चार स्तंभ की चौकी और तोरण युक्त वाली प्रतोली चित्ररूप - 'विचित्र' प्रतोली के दोनों ओर कक्षासन वाली प्रतोली मकरध्वज __ - चौकी युक्त जुड़वां स्तंभ होचें ऐसी प्रतोली
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मदल युक्त प्रवेश द्वार (प्रतोल्या)