________________
देव शिल्प
तीर्थकर वर्धमान स्वामी के समवशरण के आकार का प्रमाण
सामान्य भूमि सोपान
वीथी
वीथी के दोनों पार्श्वो में बेटी ऊंचाई
प्रथम कोट की ऊंचाई मूल की चौड़ाई तोरणद्वार
चैत्य प्रासाद
चैत्य प्रासाद भूमि नाट्यशाला
-
प्रथम वेदी (ऊंचाई एवं चौड़ाई प्रथम कोटवत्) खातिका भूमि (चौड़ाई प्रथम चैत्य प्रासादवत्)द्वितीय वेदी (चौड़ाई प्रथम कोट से दूनी) लता भूमि (चौड़ाई चैत्य प्रासाद से दूनी ) - द्वितीय कोट. ऊंचाई प्रथम कोटवल् चौड़ाई - प्रथम कोट. से दूनी उपवन भूमि चौड़ाई तृतीय वेदी ऊंचाई एवं चौड़ाई भूमि चौड़ाई
ध्वज स्तंभ ऊंचाई एवं चौड़ाई तृतीय कोट ऊंचाई एवं चौड़ाई कल्प भूमि चौड़ाई
चतुर्थ वेदी ऊंचाई एवं चौड़ाई भवन भूमि चौड़ाई 'मवन भूमि की पंक्तियां स्तूप ऊंचाई चतुर्थ कोट
श्री मण्डप के कक्ष ऊंचाई चौड़ाई पंचम वेदी चौड़ाई
प्रथम पीठ ऊंड़ाई चौड़ाई
मेखला
दूसरी पीठ
तीसरी पीठ मेखला
गंधकुटी
-
। ।
१ योजन
१/१२ कोस लंबाई तथा १ हाथ चौड़ाई लम्बाई २३ / १२ को. तथा चौड़ाई १ हाथ ६२, १ / २ धनुष
२८ हाथ
१/७२ को कोट सेकची
ऊंचाई ८४ हाथ
चौड़ाई ११/७२ योजन
ऊंचाई ८४ हाथ
१/७२ को
२८ हाथ
८४ हाथ
१/३६ को.
११ / ३६ यो.
२८ हाथ
१/३६ को.
११/३६ यो. १/३६ को २८ हाथ ११ / ३६ योजन
८४ हाथ चौ., २२ / ३ अ.
१ / ३६ योजन, २८ हाथ
१९ / ३६ योजन
१ / ७२ कोस, २८ हाथ ११/३६ योजन
चौड़ाई ११/७२कोस
८४ हाथ
चौड़ाई १२५ / ९ धनुष
८.४ हाथ
१२५० / ९ धनुष १२५ / ९ धनुष २ / ३ धनुष १ / ६ को.
६२. १/२ध.
१ / २६. ऊ. / चौ. ५ / ४८ को.
५ / २. ऊ / चौ. ५/१९२ को.
६२. १/२ च.
चौ. ५०६. ऊ. ७५ च.
८२