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शब्दानुक्रमणिका
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खिंसणा (खिंसना) निन्दा खित्तं (क्षेत्र) क्षेत्र खुत्ते (छिद्रः) छिद्र खुतायारो (क्षुद्राचारः) अधमाचार खुहे (क्षोभः) क्षोभ खेत्तद्धा (क्षेत्रकालौ) क्षेत्र और काल में खेत्तम्मि (क्षेत्रे) क्षेत्र में खेलमत्तए (श्लेष्म मात्रक) श्लेष्म के निमित्त
५४,५६,७५-७८
१०
६३,१३७
८४
७०,६३
९५
१०२
११३
२७
१११
३०
८२
९२
गंतव्वं, गतव्वं (गन्तव्यं) जाना चाहिए गंधारगिरी (गन्धारगिरिः) पर्वत-विशेष गईओ (गतीनाम्) गतियों की गणहर (गणधर) जिनदेव के प्रधान शिष्य गणि (गणिन्) गण का स्वामी । गतवेरे (गतवैरे) वैरभाव त्याग देने पर गयकुलभूओ (गजकुलभूतः) गजवंशोत्पन्न गरहा (गर्हा) निन्दा गरहिय (गर्हित) निन्दित गाहावइ (ग्राह्यते) पकड़वाता है गाहेत्तु (गृहीत्वा) पकड़कर गिम्ह (ग्रीष्म) ऋतु-विशेष गरमी का मौसम गिलाणे (ग्लाने) रुग्ण के गिहिधम्मं (गृहिधर्म:) गृहस्थधर्म गुणसमिनिओ (गुणसमन्वितः) गुणयुक्त गणिों (गुणितं) मनन किया हुआ गुरुवाणे (गुरुस्थाने) गुरुस्थान पर गुरुमूल (गुरुमूल) गुरु के समीप गुलिया (गुलिका) गुटिका गेलण्णे (ग्लानत्वे) रोग होने पर गोण (गौण) गुण-निष्पन्न
१०६ ६४ ३८
७२ .
२६ २१,२३
१०८
७४