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[ चिविलास
शुद्ध द्रव्यनेगम के चार भेद हैं :- शुद्ध द्रव्यऋजुसूत्र, शुद्धद्रव्यशब्द, शुद्धद्रव्यसमभिरूढ़ और शुद्धद्रव्य-एवंभूत । तथा अशुद्धद्रव्यनगम के भी चार भेद हैं :-- अशुद्धद्रव्यऋजुरूत्र, अशुद्धद्रव्यशब्द, अशुद्धद्रव्यसमभिरूढ़ और अशुद्धद्रव्यएवंभूत । इसप्रकार द्रव्यनगम के आठ भेद है।
पर्यायनगम के तीन भेद हैं:-- अर्थपर्यायनैगम, व्यञ्जनपर्यायनैगम और अर्थव्यञ्जनपर्यायनंगम ।
अर्थपर्यायनगम के तीन भेद हैं :- ज्ञानार्थपर्यायनगम, ज्ञयार्थपर्यायनैगम और ज्ञानज्ञ यार्थपर्यायनंगम । व्यञ्जनपर्यायनैगम के छह भेद हैं :- शब्द्रव्यञ्जनपर्यायनंगम, समभिरूढव्यञ्जनपर्यायनगम, एवंभूतव्यञ्जनपर्यायनेगम, शब्द-समभिरूढ़व्यञ्जनपर्यायनगम, शब्द-एवंभूतव्यजनपर्यायनैगम और समभिरूढ़-एवंभूतव्यञ्जनपर्यायनैगम । अर्थ-व्यञ्जनपर्यायनंगम तीन प्रकार का है :- शब्द-अर्थव्य जमपर्यायनैगम, समभिरूढ़-अर्थव्यञ्जनपर्यायनैगम और एवंभूत-अर्थव्यम्जनपर्यायनंगम । द्रव्याथिक नय
१. द्वयणुक आदि निरपेक्ष शुद्धद्रव्यार्थिकनय से पुद्गल
१. यहाँ द्रव्याथिकनय को पुद्गलद्रव्य पर घटित किया है, जबकि अन्यत्र
शास्त्रों में जीव पर घटाया गया है ।