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प्रदेशत्व-शक्ति ]
[ १०६ समाधान :- जैसे एक प्रदेश में सूक्ष्मगुण है; और जो अनन्त गुण हैं, वे सब सूक्ष्म हैं। अतः सूक्ष्मगुण की सब
पर्याय, जातिभेद, शक्तिभेद सब एक हैं, इसलिए एक प्रदेश • में सब रह सकेंगी।
___जैसे एक गुण वस्तु का है, वह वस्तु में व्यापक है और वस्तु सब गुणों में व्यापक है, अतः सुक्ष्म गुण भी अपनी पर्याय के द्वारा सब गुणों में व्यापक है, अखण्डित है। प्रत्येक गुण को खण्ड-खण्ड पर्याय के द्वारा, पृथक-पृथक व्यापक कहने पर सूक्ष्मगुण अनन्त हो जायेंगे, एक नहीं रहेगी, तब द्रव्य भी अनन्त हो जायेंगे । कि द्रव्यगुण एक हैं, अतः सब प्रदेशरूप वस्तु है और वैसा ही गुण
भी है।
जिसप्रकार एक गुण सब गुणों में अपना रूप धारण करता है. व्यापक है; उसीप्रकार एक प्रदेश सब प्रदेशों में व्यापक नहीं है । एक प्रदेश का मस्तित्व एक प्रदेश में है
और दूसरे का दूसरे में है, परन्तु चेतना की अभिन्नता के कारण सब प्रदेश अभिन्नसत्तारूप हैं । एक वस्तु का प्रकाश परस्पर अनुस्यूतरूप अभेद है । प्रदेश के स्वरूप का निर्णय करने में तो भेद कहा है; परन्तु जाति, शक्ति, सत्ता और प्रकाश आदि अभेद हैं।
एक सूक्ष्मगुण सब प्रदेशों में अपना सम्पूर्ण अस्तित्व
ना