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________________ २४१-१४२ अगविहा मरणा २४१. सत्तरसविहे मरणे पण तं जहा १. आवीदमरणे, ३. आयंतियमरणे, ५. बसट्टसर ७. भरणे, ९. पंडितमरणे, ११. छउमत्यमरणे, १२. समर १५. मलपचाजगरमे, १७. वावगमणमरणं । बालमरणप्पगारा ३४२. ५० - से कि तं बालमरणे ? ६. तप ७. जलप्पवेसे, ८. जलसे ६. दिसणे, १० पाह ११. बेहा १२. विपु " बाल पण्डित मरण से आराधना विराधना—५ दो मरा समझे जो णिच्च बलिया पुरमा भवंति तं जहा १. परमेव २. मरणे व एवं - १. णियाणमरणे चेब, २. हिमरणे ४. वलयभरणे, ६. लोसल्लमरणे, म. बालमरणे, ९ बि. स. २.. १. सु. २६ १०. बालमंडितमरणे, १२. केवलिमरणे, उ०- बालमराव जहा १. बलवर २. यस मरणे, ३. अंतोसल्लमरणे, ४. मरणं, ५. विडि १४. १६. पुरणे, अनेक प्रकार के मरण गिरणे, -सम. सम. १७, सु. १ - वि. स. १३, उ. ७, सु. ४१ भगवया महावीरेण समाचा णो णिच्च किसिपाई यो विश्वं पस्पाइ गोयिं अम्माई आराधक - विराधक अनेक प्रकार के मरण ३४१. मरण सत्तरह प्रकार का कहा गया है, यथा (१) आमरण (२) अवधि-मरण, (४) वलय मरण, (६) अन्तः शल्य-मरण, (६) बाल-मरण, (१०) बाल-पंडित-मरण, (१२) केवल-मरण, (१४) इस्पृष्ट-मरण, (१६) इंग्रिनों-मरण, (३) आत्यन्तिक-मरण, (५) बशर्त-मरण, (७) तद्भव-मरण, (2) पंडित-मरण, (११) मस्य-नरम, (१३) हार, (१५) भक्तप्रत्वाम्मान-मरण, (१७) पादोपगमन - मरण | बालमरण के प्रकार३४२. १० बाल गरण क्या है उ०- बालमरग बारह प्रकार का (१) गला दबाकर मरना । [ १६६ उसके कितने भेद हैं ? कहा गया है, यथा (२) विरह व्यथा से पीड़ित होकर मरना । (३) शरीर में तीर भाला आदि शस्त्र घुसा कर मरना । (४) उमी भव में पुनः उत्पन्न होने के संकल्प से मरना । (५) पर्वत पर से गिरकर भरना । (६) शाड़ पर से गिरकर मरता । (७) पानी में डूबकर मरना । (८) अग्नि में जलकर मरना । (e) विष खाकर मरना | (१०) तलवार आदि शस्त्र से कटकर भरना । (११) गले में फांसी लगाकर मरना । (१२) गीध आदि पक्षियों के द्वारा शरीर का भक्षण करवा कर मरना । श्रमण भगवान महावीर द्वारा श्रमण निन्यों के लिए सदा वो-दो मरण वर्णित, कीर्तित, कवित, प्रशंसित एवं अनुमत नहीं है यथा (१) वलय मरण – गला दबा कर मरना । (२) बशार्त मरण- विरह व्यथा से पीड़ित होकर मरना । इसी प्रकार - ( १ ) निवास मरण- तप-संयम के फल की कामना करके मरना |
SR No.090120
Book TitleCharananuyoga Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages571
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Conduct, Agam, Canon, H000, H010, & agam_related_other_literature
File Size18 MB
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