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________________ ६२४] चरणानुयोग शध्यातर के सीर वालो के पदार्थों को ग्रहण करने का विधि निषेध सूत्र ५५ दावए, मो से कम्पड़ पडिग्गाहेत्तए। में रो सागारिक वा साझीदार निमन्व-निन्थियों को तेल देता है तो चाहें लेना नहीं कल्पता है । सागारियल्स चक्कियासाला निस्साहारण-श्वकप-पउत्सा सागारिक के सीर बानी वक्रिकाशाला (तेल की दुकान) में तम्हा दाबए, एवं से कप्पइ पडिमगाहेत्तए। से सागारिक का माझीदार सागारिक के बिनासीर का तेल देता है तो साधु को लेना कल्पता है। सागारियस्स गोलियसासा साहारण वक्कयपउत्ता, तम्हा सागारिक की सीर वाली गुड़ की दुकान में से सागारिक का दावए, नो से कम्पह पडिग्गाहेतए। साझीदार निप्रन्थ-निर्गन्थियों को गुड़ देता है तो उन्हें लेना नहीं करूपता है। सागारियस्स गोलियसाला निस्साहारण बक्कयतत्ता, तम्हा सागारिक की सौर वाली गुड़ की दुकान में से नागारिक नावए, एवं से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए। का नाझीदार सागारिक के विना सीर का गुड़ देता है तो साधु को लेना कल्पता है। सागारियस्स बोधियसाला साहारण वाकयपउत्ता, सम्हा सगारिक की सीर बाली बोधियशाला (किराने की दुकान) दावए, नो से कप्पड़ पडिम्गाहेत्तए । में से सागारिक का साझीदार निग्रन्थ-निर्गन्धियों को किराणे की वस्तु देता है तो उन्हें लेना नहीं कल्पता है। सागारियस्स बोधियसाला निस्साहारण वक्फयपउत्ता, तम्हा सागारिक की मीर वाली योधियशाला (किराणे की दुमान) राषए, एवं से कप्पह पडिग्गाहेत्तए। में से सागारिक का साझीदार बिना मीर की फिराणे की वस्तु देता है तो उन्हें लेना कल्पता है . सागारियल्स बोसियसाला साहारण बक्कयउत्ता, तम्हा सागारिक की सीर बालो दोरियाशाला (कपड़े की दुकान) बावए, नो से कप्पइ पजिग्गाहेत्तए। में से सागारिक का साझीदार विन्य-निग्रंथियों को वस्त्र देता है तो उन्हें लेना नहीं कल्पता है। सागारियस्स दोसियसाला निस्साहारण वक्फयपउत्ता, तम्हा सागारिक की सीर वाली दोसि यशाला (कपड़े की दुकान। वाए, एवं से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए। में से सागारिक का साझीदार सागरिक के बिना सौर का कपड़ा देता तो साधु को लेना रूल्पता है । सागारियरस सोसियसाला साहारण चक्कयपउत्ता, सम्हा सागारिक की सौर वाली सूत की दुकान में से सागारिक शवए, नो से कप्पद पनिगाहेत्तए। का साझीदार निन्ध-निग्रन्थियों को सूत देता है तो उन्हें लेना नह कल्पता है। सागारियरस सोसियसाला निस्साहारण यक्फयपउत्ता, सम्हा सागारिक की सीर बाली सूत की दुकान में से सागारिक दाबए, एवं से कप्पई पडिग्गाहेत्तए। का साक्षीदार सगारिक के बिना सीर का सूत देता है तो साध वो लेना कल्पता है। सागारियस्स बोडियसाला साहारण बक्कयपउत्ता, तम्हा रागारिक के सीर वाली बोंडियशाला (सई की दुकान) में से वायए, नो से कप्पद पडिग्गाहेतए। सागारिक का साझीदार नियन्थ-निय स्थियों को हई देता है तो उन्हें लेना नहीं कल्पता है। सागारियरस बोडियसाला निस्साहारण चक्कयपत्ता, तम्हा सागारिक की गीर वाली रुई की दुकान में से सागारिक का दावए, एवं से कप्पई पाउरगाहेत्तए । साप्तीदार सागारिक के बिना सीर की गई देता है, तो लेना कल्पता है। सागारियस्स गन्धियसाला साहारण वक्कपपजता, तम्हा सागारिक के सोर वाली गन्धियशाला में से सागारिक का दावए, नो से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए । साझीदार निग्रन्थ-नियन्धिवों को सुगन्धित पदार्थ देता है तो उन्हें लेना नहीं कल्पता है।
SR No.090119
Book TitleCharananuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages782
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Conduct, Agam, Canon, H000, H010, & agam_related_other_literature
File Size23 MB
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