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चरणानुयोग
मंथुन सेवन के संकल्प से परस्पर नमानों के परिकर्ष का प्रायश्चित्त सूत्र
सूत्र ६०५-६०७
उपछोलेज्ज था, परोपावेज वा,
धोये, बार-बार धोये,
धुलवावे, बार-बार धुलवावे, राछोलेंत वा, धोएंतं का साइजा।
धोने वाले का, बार-बार धोने वाले का अनुमोदन करे । ने मिक्यू मारग्गामस्स मेहुगवडियाए भण्णमण्णस्स पाए- जो भिक्ष. माता के समान हैं इन्द्रियां जिसकी (ऐसी स्त्री
से) मथुन सेवन का संकल्प करके एक दूसरे के परों कोफमेज बा, रएज्ज वा,
रंगे, बार-बार रमे,
रंगवाने, बार-जार रंगवावे, फूतं वा. रएत वा साइन्सार ।
रंगने वाले का, बार-बार रंगने वाले का अनुमोदन करे । तं सेवमाने आवज चाडम्मासियं परिहारहाणं अग्धाइयं। उसे चातुर्मासिक अनुपातिक परिहारस्थान (प्रायश्चित)
-नि. उ. ७, सु. १४.१६ आता है। मेहुणवबियाए अण्णमा-महातहा परिरमा पारिश मथुन सेवन के संकल्प से परस्पर नखानों के परिकर्म का सुत्त
प्रायश्चित्त सूत्र६.६.जे मिक्स माउम्गामस्स मेगुणवग्यिाए अण्णमानस्स बीहाओ ६.६. जो भिक्ष माता के समान है इन्द्रिया जिसकी (ऐसी स्त्री नहसीहाबो
से) मैथुन संबन का संकल्प करके एक दूसरे के नखानों कोकम्पेन वा, संठवेज्ज वा,
काटे, सुशोभित करे,
कटवावे, सुशोभित करवाने, कतं मा, संठवेंतं वा साइबज ।
काटने वाले का, सुशोभित करने वाले का अनुमोदन करे। तं सेवमाणे आवजह चाउम्भासियं परिहारहाण अणुवाइयं । उसे चातुर्मासिक अनुद्घातिक परिहारस्थान (प्रायश्चित्त)
-नि. ज. ७, सु. ३१ आता है। मेहणवडियाए अपणमाण जंघाइरोमाणं परिकम्मस्स मैथुन सेवन के संकल्प से परस्पर जंघादि परिकर्मों के पायच्छित्त सुत्ताई
प्रायश्चित्त सूत्र६.७ मे मिक्खू माउम्गामस्स मेटुणवरियाए अण्णमण्णस्स दोहाई ६०७. जो भिक्षु भाता के समान है इन्द्रियाँ जिसकी (एमी स्त्री जंघ-रोमाई
से) मैथुन सवन का संकल्प करकं एक दूसरे के..- जपा (पिरली)
के लम्बे रोमों को ... कप्पेबाबा, संठवेम्ज वा,
काटे, सुशोभित करे,
कटवात्रे, सुशोभित करवावे, कप्येत वा, संठतं वा साइज्जा ।
काटने वाले का, सुशोभित करने वाले का अनुमोदन करे। ने मिक्ख माइग्गामस्स मेहुणवश्यिाए अन्यमनस्स दोहाई जो भिक्ष माता के समान हैं इन्द्रियाँ जिसकी (ऐमी स्त्री
से) मैथुन सेवन का संकल्प करके एक दूसरे के जगल (कांन) के
सम्बे रोमों कोकापंसदा, संठवेज वा,
काटे, सुशोभित करे,
कटवावे, सुशोभित करवावे, करतंबा. संठतं वा सापज्जा।
काटने वाले का, सुशोभित करने वाले का अनुमोदन करे। अभिन्यू माउम्गामस्स मेहुपडिमाए अण्णमण्यम दोहाई जो भिक्ष माता के समान हैं इन्दिया जिसकी (ऐसी स्त्री मंसु-रोमाइ---
से) मधुन सेवन का मंकाप करके एक दूसरे के प्रमथु (बाढ़ी
मछ) के लम्बे रोमों कोकएपेजवा, सठवेजबा
काटे, मुशोभित करे,
कटवावे, सुशोभित करवाने, कप्त बा, संठत वा साइज्जद ।
काटने वाले का, सुशोभित करने वाले का अनुमोदन करे