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घरगानुयोग
निग्य द्वारा निर्ग्रन्थी के वालों का परिकर्म करवाने के प्रायश्चित्त र
सूत्र ५५०-५५६
कप्पेन वा, संठवेज वा,
कटवावे, सुशोभित करवावे, कप्तं वा, संठवेतं का साहज्जइ।)
कटवाने वाले का, सुशोभित करवाने वाले का अनुमोदन
करे। सं सेवमाणे आवस्जद बाजम्मासियं परिहारट्ठाग उपधाइयं। उसे चातुर्मासिक उद्घातिक परिहारस्थान (प्रायश्चित्त)
-नि. उ. १७, सु. १०८ आता है। जिग्गंथेण णिगंथी देतपरिकम्मकारावणस्स पायपिछत्त निन्य द्वारा निग्रन्थी के दांतों का परिकर्म करवाने के सुत्ताई
प्रायश्चित्त सूत्र५५८. ने णिग्गंथे णिग्गंधीए ते
५५८. जो निग्रंथ निम्रन्थी के दांतों कोअण्णउस्थिएण वा, मारस्थिएण वा,
अन्यतीथिक मा रहस्थ से, आघसावेज वा, पघंसावेज्ज वा,
घिसवात्रे, बार-बार घिसवाये, माघसावेत वा, पघंसावंत या साहलाई।
घिसवाने वाले का, बार-बार पिसवाने वाले का अनुमोदन
करे।
मे जिग्गंधे णिग्गंधीए यते--
जो विनिमन्त्री के नामों कोअण्णउरियएग बा, गारस्थिएण वा,
अन्यतीथिक पा गृहस्थ से, अच्छोलावेज बा, पधोयाग्ज वा,
घुलवावे, बार-बार घुलवावे, उग्छोलावेतं वा, धोयायस या साइजना।
धुलवाने वाले का, बार-बार धुलवाने वाले का अनुमोदन
करे। जे गिगधे णिग्गंधीए बंते
जो निन्य निग्रन्थी के दांतों कोअण्णरस्थिएण वा, गारथिएग वा,
भन्यतीथिक या गृहस्थ से, फूमावेज्नवा, त्यावेज वा,
रंगवावे, बार-बार रंगवावे, फूमातंबा, रयासरा साइम्जा।
रंगवाने वाले का, बार-बार रंगवाने वाले का अनुमोदन
करे। सं सेवमाणे आवज्जा वाजम्मासियं परिहारट्ठा जग्घायं। उसे चातुर्मासिक उद्घातिक परिहारस्थान (प्रायश्चिः )
, -नि. उ. १७, सु. ६६-१-१ आता है। जिग्गथेण णिमगंथी अच्छोपरिकम्मकारावणस्स पायखिडस निर्ग्रन्थ द्वारा निग्रन्थी की आँखों के परिकर्म करवाने के
प्रायश्चित्त सूत्र५५६. णिगं णिगंयोए अच्छोणि
५५६. जो निग्रंथ निग्रंथी की आँखों काअपणउस्थिएग वा, गारपिएग वा,
अन्यतीथिक या गृहस्थ से, मामजावेज वा, पमज्जावेज वा,
मार्जन करवावे, प्रमार्जन करवावे, भामज्जावेतवा, पमजातं वा साइजइ ।
मार्जन करवाने वाले का, प्रमाणन करवाने वाले का अनु
मोदन करे। मेणिग्गमे णिग्गंधीए अच्छोणि
जो निन्थ निन्थी की आँखों कामम्मत्पिएग था, गारस्थिएणवा,
अन्यतीणिक या गृहस्थ से, संबाहावेज या, पलिमहावेजमा
मर्दन फरवावे, प्रमर्दन करवावे, संवाहात वा, पलिमहावेत वा साइजा।
मर्दन करवाने वाले का, प्रमर्दन करवाने वाले का मनमोदन
करे। गि मिणान्मीए बछोणि
जो निन्य निमन्त्री की आंखों परभग्णस्थिएष वा, गारस्थिएणवा,
भन्यतीयिक या गृहस्थ से,
सुत्ताई