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धरणानुयोग
निर्ग्रन्थी द्वारा निन्थ के अक्षोपत्रों का परिकर्म करवाने का प्रायश्चित्त सूत्र
फूमावेज या, रयावेज्ज वा,
रंगवावे, बार-बार रंगवाये, फूमावत बा, रयातं या साइजह ।
रंगवाने वाली का, बार-बार रंगवाने बाली का अनुमोदन
करे। तं सेवमाणे भाषण नाउम्मासियं परिहारदाणं उग्धाइयं ! उसे चातुर्मासिक उद्घालिक परिहारस्थान (प्रायश्चित्त)
--- नि. उ. १., मु. ५७-६२ नाता है। णिगंथिणा णिग्गंथ अच्छोपत्त परिकम्मकारावणस्त निन्थी द्वारा निर्ग्रन्थ के अक्षीपत्रों का परिकर्म करवाने पायच्छित्त सुतं
का प्रायश्चित्त सूत्र५४९. मा मिमांथी णिग्गंथस्स बीहाई अच्छिपत्ताई
५४७. जो निर्ग्रन्थी निगन्य के लम्बे अक्षि पत्रों कोअग्णउरिधएग था, गारथिएण वा,
अन्यतीयिक या गृहस्थ से, कापावेज वा, संठवावेज वा,
कटवावे, सुशोभित करवाने, कप्पावेतं वा, संठवावेत वा साइज्ज ।
कटवाने वाली का, सुशोभित करवाने वाली का अनुमोदन
करे। तं सेवमाणे आवजह घाउम्माप्सिय परिहारट्ठाणं उघाइयं उसे चातुर्मासिक उद्घातिक परिहारस्थान (प्रायश्चित्त)
- नि.उ.१७, सु.५६ आता है । णिगंथिणा णिग्गंय भुमगाइरोमाणं परिकम्मकारावणस्स निर्ग्रन्थी द्वारा निर्ग्रन्थ के भौंहों आदि के परिकर्म करवाने पापच्छित्त सुसाइ
के प्रायश्चित्त सूत्र-- ५४८, जा णिपंथी पिगंथस्स बोहाई मुमगरोमाई
५४८, जो निम्रन्थी निर्ग्रन्थ के भौहों के लम्बे रोमों कोअण्णउस्थिएण वा. गारस्थिएण वा,
अन्यतीथिक या गृहस्य से, कप्पावेज्ज बा, संठवावेज्ज वर,
कटवावे, सुशोभित करवावे, कापावेत या संठवावेतं वा साइज्जइ ।
कटवाने वाली का, सुशोभित करवाने वाली का अनुमोदन
करे । जा णिग्गयो णिपंथस्स यौहाई पासरोमाई--
जो निन्धी निग्रन्थ के पार्श्व के लम्बे रोमों कोअण्णउत्यिएण वा, गारथिएण वा,
अन्यतीर्थिक या गृहस्थ से, कप्यावेज वा, संठयावेज वा,
कटवाचे, सुशोभित करवावे, कप्पावेतं वा, संठवावेत या साइन्जा।
कटवाने वाली का, सुशोभित करवाने वाली का अनुमोदन
करे। तं सेवमाणे आवजह चाउम्मासियं परिहारहाणं उग्धाइयं । उसे चातुर्मासिक उद्घातिक परिहारस्थान (प्रायश्चित्त)
-नि. ३.१७, सु. ६३-६४ आता है। णिग्गंथिणा णिगंथस्स केस परिकम्मकारावणस्स पाय- निग्रंथी द्वारा निर्ग्रन्थ के केश परिकर्म करवाने का प्रायच्छित सुत्ताई
श्चित्त सूत्र--- ५४६. (जा विरगंयो गिगंधस्स बीहाई केसाई
५४६. जो निन्थी निग्रन्थ के लम्बे केशों कोअग्ण उस्थिएण वा, गारस्थिएग वा,
अन्यतीथिक या गृहस्थ से, कप्पावेज्ज वा. संठवावेज वा,
कटवावे, सुशोभित करवावे, कम्पास बा, संठवावेंतं वा साइजइ ।)
कटवाने बाजी का, सुशोभित करवाने वाली का अनुमोदन
करे। तं सेवमाणे भावज्जइ चाजम्मासियं परिहारद्वाणं उग्याइयं । उस चातुर्मासिक उद्घातिक परिहारस्यान (प्रायश्चित्त)
-नि.न. १७, सु. ६५ आता है।