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________________ सूत्र ११८-५२० एक-दूसरे के उत्तरोष्ठ रोमादि परिकों के प्रायश्चित्त मूत्र चारित्राचार ३६१ अण्णमण्णस्स उत्तरोटुरोमाई परिकम्मस्स पायच्छित एक दूसरे के उत्तरोष्ठ रोमादि परिकों के प्रायश्चित्त सुत्ताई५१८. जे भिक्षू अण्णमणस वोहाई उत्तरोदरोमाई.. ५१६. जो भिक्ष, एक दुसरे के लम्बे उत्तरोष्ठ रोम (होठ के नीचे लम्बे रोम)कप्पेज्ज या, संठवेज या काटे, सुशोभित कर, कटवावे, सुशोभित करवावे, कप्पत वा, संवैत वा साइज्जद । काटने वाले का, सुशोभित करने वाले का अनुमोदन करें। जे भिक्खू अण्णमस्णस्स दोहाई णासा-रोमाई जो भिक्ष एक दूसरे के नाक के लम्बे रोमकप्पेज वा, संठवेन्ज वा, काटे, सुशोभित करे, कटवावे, सुशोभित करवाय, कप्यतं षा, संठत वा साज्जा । काटने वाले का, सुशोभित करने वाले का अनुमोदन करें। त सेवमाणे आवज्जद मासियं परिहारदाणं उम्घाइयं । उसे मासिक उद्घातिक परिहारस्थान (प्रायश्चित्त) -नि. उ. ४, सु. ८६ आता है। अण्णमण्णास दंतपरिकम्मस्स पायच्छित्त सुत्ताई - एक दुसरे के दांतों के परिकमों के प्रायश्चित्त सत्र५१९. ने मिक्ल अषणमयस्स बते ५१६. जो भिक्ष एक दुसरे के दांतों को आघंसेज्ज वा, पघं सेज्ज वा, घिसे, बार-बार घिसे, पिसत्रावे, बार-बार घिसवावे, आघसतं वा, पघलतं वा साइजद । घिसने वाले का, बार-बार घिसने वाले का अनुमोदन करे। जे मिक्खू अण्णमण्णस्स बसे - जो भिक्ष एक दूसरे के दांतों कोउन्छोलेज्ज वा, पधोएज्ज वा, धोए, बार-बार धोए, घुलवावे, बार-बार धुलवावे, उच्छोलेंसं वा, पधोएंतं वा साइजह। घोने वाले का, बार-बार धोने वाले का अनुमोदन करे। जे भिक्खू अण्णमण्णस्य यते-- जो भिक्ष एक दूसरे के दांतों कोफुभेज्ज वा, रएज्ज वा, . रंगे, बार-बार रंगे, रंगवावे, बार-बार रंगवावे, फुमेत का, रएतं वा साइजह । रंगने वाले का, बार-बार रंगने वाले का अनुमोदन करे। तं सेवमाणे आवजह मासिय परिहाराणं उग्धाइयं । उसे मासिक उद्घातिक परिहारस्थान (प्रायश्चित्त) - नि. उ ४, सु. ८०-८२ आता है। अण्णमण्णस्स चक्खु परिकम्मस्स पायच्छित्त सत्ताई- एक दूसरे को आँखों के परिकर्मों के प्रायश्चित्त सूत्र - ५२०. जे भिषवू अण्णमण्णस्स अच्छीणि - ५२०. जो भिक्ष एक दुसरे की आँखों काआमनेज्ज वा, पमम्जेज्ज वा, मार्जन करे, प्रमाणन करे, मार्जन करवावे, प्रमार्जन करवावे. आमज्जतं वा, पमअंतं वा साइट। मार्जन करने वाले का, प्रमार्जन करने वाले का अनुमोदन करे। जे मिक्खू अग्णमग्णस्स अच्छोणि जो भिक्ष एक दूसरे की आँखों कासंबाहेम्ज वा, पलिमज्ज वा, मदन करे, प्रमर्दन करें, मर्दन करवावे, प्रमर्दन करवावे. संगत वा, पलिमद्दत वा साइजह । मर्दन करने वाले का, प्रमर्दन करने वाले का अनुमोदन करे।
SR No.090119
Book TitleCharananuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages782
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Conduct, Agam, Canon, H000, H010, & agam_related_other_literature
File Size23 MB
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