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________________ SEE २४६ ० mmm ० २५३ विषय सूत्रांक पृष्ठांक विषय सूत्रांक पृष्काक अज्ञात वस्त्र ग्रहण करने का प्रायश्चित्त सूत्र २१५ ६८७ कीतादि दोषयुक्त पात्र ग्रहण का विधि-निषेध २४१ ६६७ घृणित कुल से वस्त्रादि ग्रहण करने का क्रोतादि दोषयुक्त पात्र ग्रहण के प्रायश्चित्त सूत्र २४२ ६९७ प्रायश्चिन सूत्र पात्र के ग्रहण का विधि-निषेध मार्गादि में वस्त्र की याचना करने के प्रायश्चित्त धारण करने योग्य और न धारण करने योग्य पात्र के प्रायश्चित्त सूत्र २४४ वस्त्र के लिए रहने के प्रायश्चित्त सूत्र २१८ ६५८ अतिरिक्त पात्र देने का विधि-निषध २४५ ६६८ सचेल अवेल के साथ रहने के प्रायश्चित्त सूत्र २१६ पात्र धारण विधि निषेध-६ गृहस्थ के वस्त्र उपयोग करने का प्रायश्चित्त सवरत पात्र धारण विधान २४६ सूत्र २२० सवृन्त पाष धारण निध ६६६ दीर्घसूत्र बनाने के प्रायश्चित्त सूत्र घटिमात्र धारण का विधान २४८ भिक्ष की नादर मिलबाने का प्रार्याश्चत्त सूत्र २२२ घटिमात्रक धारण का निषेध वस्त्र परिकर्म के प्रायश्चित सूत्र कल्पनीय पात्रों की संख्या २५० निग्रन्थ-निग्रन्थिनी के पात्रषणा की विधि-१ पात्र आतापन के विधि-निषेध-७ एषणीय पात्र विहित स्थानों पर पात्र सुखाने का विधान २५१ ७०० पात्र प्रतिलेखन के बाद पात्र ग्रहण करने का निषिद्ध स्थानों पर पात्र सुखाने का निषेध ५२ ७०० विधान निपिद्ध स्थानों पर पात्र सुस्त्राने के प्रायश्चित्त स्थविर के निमित्त लाये गये पात्रादि की विधि २२६ अतिरिक्त पात्र वितरण के प्रायश्चित्त सूत्र २२७ पात्र प्रत्यर्पण का विधि-निषेध-८ निग्रन्थ-निग्रन्मिनी के पावेषणा का निषेध .२ प्रातिहारिक पात्र ग्रहण करने में माया करने औद्द शिकादि पात्र के ग्रहण वा निषेध २२८६६१ का निषध श्रमणादि की गणना करके बनाया गया पात्र पात्र के विवर्ण आदि करने का निषेध लेने का निषेध पात्र का वर्ण परिवर्तन करने के प्रायश्चित्त आधे योजन की मर्यादा के आगे पात्र के लिए सूत्र ७०२ जाने का निषेध ६६२ पोरों के भय से उन्मार्ग से जाने का निषेध २५७ पात्र हेतु आधे योजन की मर्यादा भंग करने के चोरों से आहारित पात्र के याचना का विधिप्रायश्चित्त सूत्र २३१ निषेध २५८ बहुमूल्य वाले पात्र ग्रहण करने का निषेध पात्र परिकम का निषेध-६ निषिद्ध पात्र के प्रायश्चित्त सूत्र ६६३ पात्र के परिकर्म का निषेध संकेत वचन के पात्र ग्रहण का निषेध ६६४ पात्र परिकर्म करने के प्रायश्चित्त सूत्र २६० अप्रासुक पात्र-ग्रहण करने के निषेध ६६४ पात्र का स्वयं परिष्कार करने का प्रायश्चित्त पारकर्मकृत पात्र-ग्रहण का निषेध श्रमण के निमित्त प्रक्षालित पात्र के ग्रहण का पात्र के परिष्कार करवाने का प्रायश्चित्त सुत्र २६२ ७०५ निषेध पात्र को कोरने का प्रायश्चित्त सूत्र कन्दादि निकालकर दिये जाने वाले पात्र के पात्र मन्धान-बन्धन' के प्रायश्चित्त सूत्र ग्रहण का गिषध पात्रषणा सम्बन्धी अन्य प्रायश्चित्त-१० औद्दशिक पान-भोजन सहित पात्र ग्रहण का पात्र से इस प्राणी आदि निकालने के निषेध प्रायश्चित्त सूत्र निम्रन्थ निन्थिनी पात्रषणा के विधि-निषध--३ पात्र के लिए निवास करने के प्रायश्चित्त सूत्र २६६ ५०७ श्रमणादि के उद्देश्य से निर्मित पात्र लेने के गांग-मांगकर याचना करने के प्रायश्चित्त सूत्र २६७ ७०७ विधि-निषेध ३४०६६७ निजगादि गवेषित पात्र रखने के प्रायश्चित्त सूत्र २६८ २५५ २५६ २३२ २३३ ८० لا اله ७०५ ७०६
SR No.090119
Book TitleCharananuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages782
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Conduct, Agam, Canon, H000, H010, & agam_related_other_literature
File Size23 MB
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