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________________ विषय सूत्रांक पृष्ठांक विषय सूत्रांक पृष्ठांक अनिसृष्ट बोष पूर्वकर्मयुक्त (अचित्त) नमक के ग्रहण अनिसृष्ट' आहार ग्रहण करने का विधि-निषेध १२० ५६३ का निषेध उत्पादन दोय-५ पूर्व कर्म युक्त (अचित्त) सिट्टे आदि के ग्रहण [प्राक्कथन] का निषेध सोलह उत्पादन दोष पूर्वकर्म कृत हाथ आदि से आहार ग्रहण अन्तर्धान पिंड का निषेध ५७२ (१) कोपपिंड दोष पूर्वकर्म कृत हाथ आदि से माहार सेने का अमानादि के न मिलने पर क्रोध करने का निषेध ६२१ प्रायश्चित्त सूत्र १४० ५७३ (२) मानपिण्ड कोष ६२२ १६वायुकाय के विराधक से भिक्षा लेने का निषेध (३) लोम-पिण्ड दोष व प्रायश्चित्त (४) पूर्व-पश्चात् संस्तव दोष १२४ ५६५ बनस्पतिकाय के विराधक से आहार लेने पूर्व-पश्चात् संस्तव दोष का प्रायश्चित्त सूत्र ९२५ का निषेध उत्पादन दोषों का वर्जन और शुद्ध आहार विविधकाय विराधक से भिक्षा लेने का निषेध १४३ ग्रहण का उपदेश (४) उन्यिवदोषधातु पिडादि दोषयुक्त आहार करने वाले के प्राणी आदि से युक्त आहार ग्रहण का निषेध प्रायश्चित्त सूत्र ६२७५६६ और गृहीत आहार के परठने की विधि ६४४ ५४४ एषणा दोष-६ अनन्तकाय संयुक्त आहारकरण प्रायश्चित्त सूत्र ६४५ ५७५ प्राक्कथन ५६७ प्रत्येककाय संयुक्त आहारकरण प्रायश्चित्त सूत्र ९४६ ५७५ दस दोष ग्रहणषणा के (५) अपरिणत वोष - (१) शंकित दोष अशस्त्र परिणत कमलकन्द्र आदि के ग्रहण करने शंका के रहते हुए आहार ग्रहण करने का निषेध का निषेध अशस्त्र परिणत पिपल्यादि के ग्रहण का निषेध ४८ (२) निक्षिप्त दोषः अशस्त्र परिणत प्रलंबों के ग्रहण का निध९४६ पृथ्वीकाय प्रतिष्ठित आहार ग्रहण करने अशस्त्र परिणत प्रवालों के ग्रहण का निषेध ६५० का निषेध ६२६५६८ अशस्त्र परिणत कोमल फलों के ग्रहण अपकाय प्रतिष्ठित आहार ग्रहण करने का निषेध का निषेध अशस्त्र परिणत इक्षु आदि के ग्रहण का निषेध ६५२ अग्निकाय प्रतिष्ठित आहार ग्रहण करने अशस्त्र परिणत उत्पलादि के ग्रहण का निषेध ९५३ ५७७ का निषेध अशस्त्र परिणत अग्रवीजादि के ग्रहण का निषेध ५४ वनस्पतिकाय प्रतिष्टित आहार ग्रहण करने अशस्त्र परिणति इक्षु आदि के ब्रह्म का निषेध ६५५ का निषेध ६३२ ५७० अशस्त्र परिणत लसुण आदि के ग्रहण यसकाय प्रतिष्ठित आहार ग्रहण करने का निषेध ९५६ ५७७ का निषेध अशस्त्र परिणत जीव युक्त पुराने आहार के निक्षिप्त दोषयुक्त आहार ग्रहण करने के ग्रहण का निषेध प्रायश्चित्त सूत्र १३४५७१ अपरिणत मिथ बनस्पतियों के ग्रहण का निषेध ६५ (३) दायग दोष अपरिणत-परिणत धान्यों के ग्रहण का गर्भवती के हाथ से आहार ग्रहण का निषेध ६३५ ५७१ विधि-निषेध ६५९ स्तनपान कराती हुई स्त्री के हाथ से आहार कृत्स्न धान्य भक्षण का प्रायश्चित्त सूत्र ६६० प्रहण का निषेध ६३६ ७१ भुने हुए सिट्टे आदि के ग्रहण का विधि-निषेध ६६१ ५७६ ५७६ १३० ५७८
SR No.090119
Book TitleCharananuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages782
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Conduct, Agam, Canon, H000, H010, & agam_related_other_literature
File Size23 MB
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