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________________ विषय गवेषणकाल में जाने की विधि गवेषणाकाल में माचरणीय कृत्व भिक्षाकाल में ही जाने का विधान गवेषणाकाल में खड़े रहने आदि की विधि श्रमण आदि को देखकर खड़े रहने की और प्रवेश की विधि गृहत्य के पर में नहीं करने के कार्य संक्लेश स्थान निषेध मिक्षार्थं जाने के समय पात्र प्रतिलेखन की भिक्षा के समय उन्मत्त सांड आदि को देखकर गमन का विधि-विधान विधि असमय में प्रवेश के विधि-निषेध एषणा क्षेत्र का प्रमाण आहार करते हुए प्राणियों के मार्ग में आने-जाने का निषेध सूत्र मिश्राचर्या में मादि पठने की विधि ढके हुए द्वार को खोलने का विधिनिषेध भिक्षावरी में माया करने का निषेध affaरिका में जाने के विधि-निषेध चर्या प्रविष्ट भिक्षु के कर्तव्य चर्या निवृत्त भिक्षु के कर्तव्य नवनिर्मित ग्रामादि में आहार ग्रहण करने का प्रायश्वित्तमूर नई लोहे आदि की खानों में आहार ग्रहण करने का प्रायश्चित्त सूत्र उद्गम-दोष प्राक्कथन आहार दोष मोह दोष उद्गम-बोष -४ ( १७ ) सूपृष्ठांक विषय आधाकर्मी आहार करने से कर्मबन्ध का एक स्थान निषेध कल्पस्थित अकल्पस्थित के निमित्त बने आहार के ग्रहण का निर्णय सक्तिक आधा बाहार करने का फल ६०० आधाकर्म आहार ग्रहण करने का प्रायश्चित्त ८६६ सूत्र ८७१ ५४४ ८७२ *૪૪ ८७३ ५४४ ५४५ ८७४ ८८२ खड्डा आदि से युक्त मार्ग में जाने का निषेध ८८३ अति कुलों में गोरी का विरोध ८६४ घूर्णित कुलों में शिक्षा -गमन का प्रायश्चित सूत्र ८८५ अगवेषणीय कुल ८९६ निषिद्ध कुलों में गवेषणा- निषेध ६६७ निषिद्ध कुलों में भिक्षा लेने जाने का प्रायश्चित्त (१) आधाकोष - आधाकर्मो आहार ग्रहण का निषेध ८०५ ८७६ ८७७ ८७६ ८७६ ८८० ८८१ ८६८ ८६६ ८९० = ६१ ८६२ ८१३ = १४ ८६५ ८६६ ८६७ ५४५ ५४६ ५४६ ५४६ ५४७ ५४७ ५४७ ૪ ५४८ ५४०] ५४६ ५४६ ५४६ ५४६ ५४९ ५५० ५५० ५५० ५५१ ५५१ ५५२ ५५२ ५५३ ५५४ -५.५४ प्रतिकर्म दोषयुक्त आहार का निषेध पूतिकर्म दोषयुक्त आहार ग्रहण करने का परिणाम पूतिकर्म दोषयुक्त आहार करने का प्रायश्चित्त ग्रहण (४) स्थापना दोष स्थापना दोष का प्रायश्चित्त सूत्र (५) चैत दोष क्रीत आहार ग्रहण करने का निषेध (९) अभिहुत आहार ग्रहण करने का निषेध अभि दोष का प्राय सूत्र (७) भि दोष - (२) ओशिक दोष--- आहार ग्रहण करने का निषेध १०२ दानार्थ स्थापित आहार ग्रहण करने का निषेध १०३ पुष्यार्थं स्थापित आहार ग्रहण करने का निषेध १०४ भारियों के लिए स्थापित आहार ग्रहण करने का निषेध ६७५ श्रमणार्थं स्थापित आहार ग्रहण करने का निषेध ६०६ (२) लिफर्म दो -- सूत्रांक पृष्ठांक मालोपहृत आहार ग्रहण करने का निषेध मानोपहृत आहार पहण करने का प्रायश्वि ८६८ सूत्र कोठे में रखे हुए आहार को लेने का निषेध कोठे में रखा हुआ आहार लेने का प्रायश्चित्त सूत्र ६०१ ६०७ ६०८ उद्भिन्न आहार ग्रहण करने का निषेध ६१४ ५५२ उद्भिन्न आहार ग्रहण करने का प्रायश्चित्त सूत्र ६१५ (२) मालोपत दोष ६०६ εfo ६११ ६१२ ९१३ ६१६ ६१७ ६१८ ६१६ ५५५ ५५६ **૭ ५५८ ५५८ ५५८ ५५८ ५५८ ५५८ ५५६ ५५६ ५५६ ५५६ ५५६ ५६० ५६० ५६० ५६१ ५६१ ५६२ ५.६२ ५६२
SR No.090119
Book TitleCharananuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages782
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Conduct, Agam, Canon, H000, H010, & agam_related_other_literature
File Size23 MB
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