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________________ M m सूत्र ७६५ ७६७ ५१८ विषय सूत्रक पृष्ठोंक विषय सूत्रांक पृष्ठोक अन्यतीथिकादि के साथ ग्रामानुग्राम गमन कर भाषा समिति निषेध ७६२४६३ विधिकल्प-१ अन्यतीथिकादि के साथ प्रवेश और निष्क्रमण कालिक तीर्थंकरों ने चार प्रकार की भाषा के प्रायश्चित्त सूत्र प्ररूपी है ७५७५१० अन्यतीयिक आदि के साथ ग्रामानुग्राम विहार विवेक पूर्वक बोलने वाला आराधक, अविवेक करने का प्रायश्चित्त सूत्र से बोलने वाला विराधक निषिद्ध शग्याओं में प्रवेश करने का प्रायश्चित्त भाषा के भेद-प्रभेद ५११ ___४६३ विधिकल्प-२ विधि-निषेध कल्प--३ एक वचन विवक्षा ७६० ५१२ भिक्षु के चलने के विधि-निषेध ७६६ ४६४ बहुवचन विवक्षा ५१३ विषम मार्ग से जाने के विधि-निषेध ४६४ स्त्रीलिंग शब्द ७६२ भिक्षार्थ गमन मार्ग के विधि-निषेध ७६८ ४६४ पुल्लिग शब्द ७६३ ग्रामानुग्राम गमन के विधि-निषेध ७६६ ४६५ नपुंसकलिंग शब्द ७६४ आचार्यादि के साथ गमन के विधि-निषेध ७५० आराधनी भाषा मार्ग में आत्रार्यादि का विनय ४६६ अवधारिणी भाषा ७६६ मार्ग में रलाधिक के साथ गमन के प्रज्ञापनी भाषा ५१५ विधि-निषेध मन्दकुमारादि की भाषा आदि का बोध ७६० ५१७ मार्ग में रत्नाधिक का विनव सोपाहे प्रकार के वचनों को विवेक ७६ स्थविरों की सेवा के लिए परिहार कस्पस्थित असावध असत्यामृषा भाषा बोलना चाहिए ८०० ५१८ भिक्षु के गमन सम्बन्धी विधि-निपेन और कषाय का परित्याग कर बोलना चाहिए। आमन्त्रण के सम्बन्ध में अमावध भाषा विधि ८०२ प्रायश्चित्त ५१६ ४६७ मटबी में जाने के विधि-निषेध ७५५ अन्तरिक्ष के विषय में भाषा विधि विरुद्ध राज्यादि में जाने के विधि-निषेध ७७६ रूपों को देखने पर असावद्य भाषा विधि ५०४ अराज्य और विरुद्ध राज्य में गमनागमन का दर्शनीय प्राकार आदि के सम्बन्ध में असावद्य प्रायश्चित्त सूत्र ४६३ भाषा विधि ८०५ ५२० अभिषेक राजधानियों में बार-बार जाने-आने के उपरात अशनादि के सम्बन्ध में असावद्य प्रायश्चित्त सूत्र भाषा विधि सेना के पड़ाव वाले मार्ग से गमन के विधि पुष्ट शरीर वाले मनुष्यादि के सम्बन्ध में निषेध ५०० असावध भाषा विधि ५२० सेना के समीपवर्ती क्षेत्र में रात रहने का विधि-निषेध कल्प-२ प्रायश्चित्त सूत्र ५०१ गो आदि के सम्बन्ध में असावध भाषा विधि ८०८ ५२१ प्राणी आदि युक्त मार्ग से जाने के विधि-निषेध ७८१ उद्यानादि के सम्बन्ध में असावध भाषा विधि ८०९ महानदी पार गमन विधि-निषेध के पांच वन फलों के सम्बन्ध में अमावद्य भाषा विधि ५१० ५०१ औषधियों के सम्बन्ध में असावध भाषा विधि ८११ पाँच महानदी पार करने का प्रायश्चित्त मूष ७८३ ५०२ शाब्द, रूप, गन्ध, रस और स्पर्शादि के सम्बन्ध नौका विहार के विधि-निषेध ५०२ में असावध भाषा विधि ८१२ ५२२ जंघा प्रमाण जल पारकरण विधि ५८५ ५०५ एकान्त निश्चयात्मक भाषा का निषेध ५२२ मौका बिहार के प्रायश्चित सूत्र ७५६५०६ छर निषिद्ध वचन ८१४५२४ ७७४ ५१६ ४६६ ४६E ५१६ ५२१ कारण ७८२ ५१३
SR No.090119
Book TitleCharananuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages782
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Conduct, Agam, Canon, H000, H010, & agam_related_other_literature
File Size23 MB
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