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________________ ७४१ ७४३ ४८६ विषय सूत्रांक पाठांक विषम सूत्रांक पृष्ठांक अल्प अचित्त जल से हाथ धोने का प्रायश्चित्त दिन में या रत्रि में प्रशनादि ग्रहण करने के सूत्र तथा खाने के प्रायश्चित्त सूत्र ७३५ ४८० कौतुहल के संकल्प से सभी कार्य करने के रात्रि में अगनादि के संग्रह करने के तथा खाने प्रायश्चित्त सूत्र ७१५४६३ के प्रायश्चित्त सूत्र वशीकरण प्रायश्चित्त-७ दिवा-भोजन निन्दा और रात्रि-भोजन प्रशंसा राजा को वश में करने आदि के प्रायश्चित्त सूत्र ७१६ के प्रायश्चित्त सूत्र अंगरक्षक को वश में करने आदि के प्रायश्चित्त दिन में या रात्रि में ग्रहण किये गये गोबर के सूत्र लेप के प्रायश्चित सुत्र नगर-रक्षक को वश में करने आदि के दिन में या रात्रि में गृहीत लेप प्रयोग के प्रायश्चित्त सूत्र प्रायश्चित्त सूत्र ७३६ ४८२ निगम-रक्षक को वश में करने भादि के उद्गाल गिलने का प्रायश्चित्त सूत्र ७४० प्रायश्चित्त सूत्र अष्ट प्रवचन माता का स्वरूप सीमा-रक्षक को वश में करने आदि के अष्ट प्रवचन माता प्रायश्चित्त सूत्र आठ समितियां ૨૭૪૨ ४८५ देश-रक्षक को मश में करने आदि के प्रायश्चित्त ईर्यासमिति ४६६ विधिकल्प -१ सर्व-रक्षक को वश में करने आदि के प्रायश्चित्त ईयासमिति के भेद-प्रभेद प्रासुक बिहार स्वरूप प्ररूपण ७४४ पांचवे महावत का परिशिष्ट भाषित आत्मा अणगार की क्रिया का प्ररूपण ७४५ पांचवें अपरिग्रह महाव्रत की पांच भावनाएँ ७२३ संवृत अपगार की क्रिया का प्ररूपण ४८८ उपसंहार निषेध-कल्प-२ पाँचों महायतों का परिशिष्ट अस्थिर काष्ठादि के ऊपर होकर जाने का निषेध ७४४ ४८६ पांच महाव्रतों की आराधना का फल ७२४ ४७३ मिक्ष कोक्लादि का अतिक्रमण न करे ४८४ आरम्म परिग्रह विरत कर्मों का अन्त करने रात्रिगमन निषेध ७४६ वाला होता है ७२५४७४ सांड आदि के भय से उन्मार्ग रो जाने का रात्रिभोजन-निषेध-१ निषेध ७५० ४८६ दस्यु प्रदेश के मार्ग से गमन का निषेध ७५१ षष्ठ व्रत आराधन प्रतिज्ञा ४८६ निषिद्ध क्षेत्रों में विहार करने के प्रायश्चित सूप ७५२ रात्रि में प्रशनादि ग्रहण का निषेध ७२७ चोरों के भय से उन्मार्ग गमन का निषेध ७५३ रात्रि भोजन निषेध का कारण ७२८ ૨૩૬ चोरों का उपसर्ग होने पर मौन रहे ७५४ ४६० रात्रि भोजन का सर्वथा निषेध चोरों द्वारा उपधि छीन लेने पर फरियाद न करे ७५५ रात्रि में माहारादि के उपयोग का निषेध अन्य से उपधि वहन करवाने का प्रायश्चित्त सूत्र ७५६ रात्रि में लेप लगाने का निषेध ४६१ ७३१ ४७७ पथिकों के पूछने पर मौन रहना चाहिए रात्रि में तेल आदि के मालिश का निषेध मार्ग में गृहस्थों से वार्तालाप का निषेध ७५८ ४६१ रात्रि में कल्कादि के उबटन का निषेध मार्ग में वन आदि अवलोकन निषेध ७५६ रात्रि भोजन के प्रायश्चित्त-२ मार्ग में कच्छादि अवलोकन-निषेध ७६० सूर्योदयास्त के सम्बन्ध में पांका होने पर आहार अन्यतीथिक आदि के साथ निष्क्रमण व करने के पायश्चित्त सूत्र प्रवेश निषेध ४८७ ४८७ ४७५ ४६० ४७६ 6.6 G८६ ४७७
SR No.090119
Book TitleCharananuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages782
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Conduct, Agam, Canon, H000, H010, & agam_related_other_literature
File Size23 MB
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