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वर्षासागर
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२२० - चर्चा दोसौ बोसवीं
प्रश्न - एक मुनि, एक अजिका, एक आवक और एक श्राविका इन चारों धर्मात्माओंका चतुविध संघ रहेगा और कल्की इनसे दण्ड मागेगा सो इन चारोंका क्या नाम है ?
समाधान- - मुनिका नाम वीरांगव होगा जो इन्द्रराज मुनिके शिष्य होंगे। अजिकाका नाम सर्वश्री होगा । श्रावकका नाम अग्निल होगा और उसको स्त्रीका प्रयंगुसेना होगा। इस प्रकार इन चारोंके नाम होंगे । उस समय जो कल्की होगा वह पापी इनसे ग्रासका वण्ड मांगेगा। सो ये चारों ही जीव संन्यास धारण कर मरण करेंगे और पहले स्वर्ग में उत्पन्न होंगे ।
प्रश्न-इनका मरण किस महीने की किस तिथि में होगा ?
समाधान — ये चारों जीव तीन दिन तक संन्यास धारण करेंगे फिर दुःखमा कालके अन्तमें जब तीन वर्ष साढे आठ महीना बाकी रहेंगे उस दिन कार्तिक कृष्णा अमावस्याके दिन प्रातः काल मरण करेंगे। ये चारों ही जीव सौधर्म स्वर्ग में उत्पन्न होंगे। वहाँ पर मुनिके जीवकी आयु एक सागरकी होगी और बाकीके fatatant आयु एक-एक पस्यको होगी । सो ही सिद्धांतसार दीपकके नौवें अधिकारमें लिखा है— इन्द्रराजमुनेः शिष्यो यतिवरांगदाभिधः । अंतिमश्वार्थिका सर्वश्री श्रावकोग्निलाख्यकः ॥ श्राविका प्रिया तस्य प्रियंगुसेनाभिधा तदा । कालदोषेण चस्वारोऽमी स्थास्यंति सुधर्मिणः ॥ स कल्की पापधीः पापात् पूर्ववत्तस्य सम्मुनेः । समासहरणाद्यैर्महोपसर्गं करिष्यति ॥ चत्वारस्ते तदा तस्मिन्नुपसर्गे शिवाप्तये । ग्रहीष्यन्ति सुसन्यासं त्यक्त्वाहारं चतुर्विधम् ॥ ततो दिनश्रयेणैवमुक्त्वा प्राणान् समाधिना । दुःखमस्येव कालस्यावसानस्य स्थितेषु च ॥ सार्द्धाष्टमाससंयुक्त त्रिवर्षोद्धरितेष्वपि । पूर्वा कार्तिके कृष्णेमावस्यायां शुभोदयात् ॥ अन्ते सोधर्मकल्पान्ते चत्वारः सुखसागरम् । गमिष्यन्ति महाशर्मभोकारो धर्मतत्पराः ॥ तन्मुनेः सागरैकं च भवितायुरखंडितम् । तत्र शेषत्रयाणां च पल्यमेकं हि साधकम् ॥
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