________________
पर्चासागर [ ३४०
पंचाशदभुक्तिदानानि गावस्तित्र उदाहृताः ॥ पचास व्यक्तियों को जिमाना । पचास आहारदान और तीन गायें देनी चाहिए।
त्रयाभिषेकाः कलशैर्गावस्तिसः प्रकीर्तिताः॥ कलशोंसे तीन अभिषेक करने चाहिए और तीन गायें देनी चाहिए।
द्वौ गावो दशगंधस्य फलानि कुसुमानि तु ॥ वो गायें, वश गंध, वश फल और दश फूल देने चाहिये ।
द्विगावो भक्तिदानानि ।। वो गाये और आहारदान घेना चाहिए।
मोक्करला गौर्हि एका स्यादुपवासादयो मताः ॥ मोफरला एक गौ उपवासाविक करने चाहिए।
द्वौच गावो भुक्तिशतद्वयम् ॥ दो गाय और सौ आहारदान देना चाहिए ।
गौरेकात्र प्रदीयते॥ इसमें एक गाय देनी चाहिए।
गोरेकाहारदानानि ।। एक गाय और आहारदान देना चाहिए।
गौरेका त्रीणि लक्षाणि पुष्पं गंध फलानि च । एक गाय, तीन लाख पुष्प, गंध, फल देने चाहिए।
गौरेकाहारदानानि पंचपंचाशदेव हि । एक गाय और पचपन आहारदान देना चाहिए ।