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________________ पर्चासागर [ २३२ ] इस लोकारसे आकर्षण, स्तंभन, मोहन, उच्चाटन, वशीकरण, विद्वेषण आदि समस्त कामनाएं जुदे-1 जुवे प्रयोगोंसे सिद्ध होती हैं सो इसका विशेष वर्णन मायाबीज नामके कल्पमें लिखा है। इसीलिये इसको मायाबीज कहते हैं अथवा शक्तिबीज कहते हैं । मन्त्रों में ब्रह्मस्वरूप ओंकार तथा मायास्वरूप होंकार इस प्रकार ब्रह्ममाया दोनों स्वरूप 'ॐ ह्रीं' ऐसा मिला हुआ मन्त्र लेना चाहिये । इस प्रकार यहाँपर मायावीजका थोड़ासा अर्थ लिखा है। इस ओंकार और ह्रींकार विशेष स्वरूप जैनमतके मन्त्रशास्त्र विद्यानुवाद पूर्व, णमोकार कल्प तथा बृहत्पद्मावती कल्पसे जान लेना चाहिये । यहाँ हमने अपने बुद्धि के अनुसार लिखा है। । अहं शब्दका सामान्य अर्थ तो सब जानते ही हैं तथा विशेष अर्थ आगे कहेंगे। पहले जो और और बीजाक्षर बतलाये हैं उनका नाम इस प्रकार है । 'ॐ' प्रणवीज है। 'हो' मायाबोज है। 'श्री' लक्ष्मीबीज है। क्लो' 'ए' कामबीज है । ऐ विद्याबीज हैं । 'अहं' परमेष्ठीबीज है। 'है' व्योमबोज है। 'क्वीं' क्षितिमोज है। 'स्वी' अमृतबीज है। '' और 'प:' जलबोज है । 'स्वा' वायुबोज है। 'नां द्री' बाणमोज है । इस प्रकार समझ लेना चाहिये। १६७-चर्चा एकसौ सड़सठवीं प्रश्न-पहलेके देवदर्शन करनेके श्लोकमें पुनरुक्त पाठ लिखा है यथादर्शनं देवदेवस्य दर्शन पापनाशनम् । दर्शनं स्वर्गसोपानं दर्शनं मोक्षसाधनम् ॥ ऐसा पाठ है सो अशुद्ध मालूम होता है क्योंकि इसमें पुनरुक्त दोष प्रत्यक्ष दिखाई देता है। 'देवदेवस्य दर्शनं पापनाशनम्' ऐसा पाठ पढ़ना हो निर्दोष है। यदि ऐसा पाठ माना आप तो इसमें अक्षर कम होनेसे छंदोभंग होता है। 'दर्शनं देवदेवस्य दर्शनं पापनाशनम्' इसमें पहला दर्शन शब्द व्यर्थ जान पड़ता है । बिना। प्रयोजनके तथा बिना संबोधन आदि अन्य प्रयोजनके एक ही पाठको दुबारा कहना किस प्रकार ठीक हो सकता । है। इससे मालूम होता है कि यह जिनदर्शनका श्लोक किसी छोटेसे पण्डितका बनाया हुआ है। समाधान-ये श्लोक किसी छोटे पंडितके बनाये हुए नहीं हैं किन्तु किसी बड़े विद्वान्के बनाये हुए हैं। केवल न जाननेवालोंको पुनरुक्त दोष मालूम पड़ता है । परन्तु वास्तवमें यहाँ पुनरुक्त दोष नहीं है । देखो
SR No.090116
Book TitleCharcha Sagar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChampalal Pandit
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year
Total Pages597
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Principle
File Size17 MB
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