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________________ पर्चासागर : पढ़ कर नैवेद्य चढ़ाना चाहिये। फिर 'ॐ ह्रीं बहमीपरमब्रह्मणेऽजन्तामन्तज्ञानशक्तये रोपं निपामीति स्वाहा।। बीपं । यह मंत्र पढ़कर दीपक संजोकर भगवानके सामने आरती उतार कर उस दीपकको सामने रखना है ये। फिर 'ॐ ह्रीं अहं श्रीपरमब्रह्मणेऽनन्तानन्तज्ञानशक्तये धूपं निर्धपामोति स्वाहा'। धूपम् । यह मंत्र पढ़कर धूपदानमें रक्खी हुई अग्निमें चन्दनःधिक सुगंधित पयायोगो को नई धूर प्रज्वलित करना चाहिये ।। फिर 'ॐ ह्रीं अहं परमब्रह्मणेऽनन्तानन्तशक्तये फलं नियंपामोति स्थाहा' फलं। यह मंत्र पढ़कर भगवानके सामने फलके पुज चढ़ाना चाहिये । फिर 'ॐ ह्रीं अहं परमब्रह्मणेऽनन्तानन्तज्ञानशक्तये जलाय, निर्वपामोति। । स्वाहा' अर्घ्यम् । यह मंत्र पढ़कर जल, चंदन, अक्षत, पुष्प, नैवेद्य, दीप, धूप, फल, स्वस्तिक वर्भ, दूब, सरसों आदिका अर्घ बनाकर सामने आरती उतार कर चढ़ाना चाहिये तदनंतर सरस्वतीको पूजा करनी चाहिये। उसका मंत्र यह है 'ॐ ह्रीं परमब्रह्म मुखकमलोत्पन्न द्वादशांगश्रुतेभ्य जलं निर्वपामीति स्वाहा' इसी प्रकार चंदन अक्षत, पुष्प, नैवेद्य, दोप, धूप, फल, वस्त्र और अर्घ चढ़ाना चाहिये इस प्रकार अनुक्रमसे श्रुप्तपूजा करनी चाहिये । तदनन्तर आचार्य परमेष्ठीको पूजा करनी चाहिये उसका मंत्र यह है। ॐ ह्रीं शिवपवसाधकेभ्यः # आचार्यपरमेष्ठिभ्यः जलं निषेपामोति स्वाहा' इसी प्रकार चंदन, अक्षत, पुष्प, नैवेद्य, दीप, धूप, फल, अर्घ, बढ़ाना चाहिये इस प्रकार अनुक्रमसे गुरुकी पूजा करनी चाहियें। फिर सिद्धपूजा करनी चाहिये उसका मंत्र यह है 'ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं सिद्ध परमेष्ठिभ्यो जलं गृहाण गृहाण स्वाहा' इसी प्रकार गंध, अक्षत, पुष्प, ॥ नैवेद्य, वीप, धूप, फल, अर्घ चढ़ाना चाहिये । यह सिद्धार्चन कहलाता है। फिर भगवानके चरण-कमलोंपर जो चन्वनका विलेपन किया था उसमें से बचे हुए चन्दनका तिलक करना चाहिये । तथा प्रभुके धरणोंसे स्पर्शित किये गये पूजाके पुष्पोंको माला बनाकर अपने कण्ठमें धारण करनी चाहिये । सो ही लिखा हैजिनाद्विस्पर्शनात्माला निर्मले कंठदेशके । ललाटे तिलक कार्य तेनैव चंदनेन च । n ewrape-MITEMPIREMESTHEMATRAPATRAPA अब आगे तिलक लगानेकी विधि लिखते हैं पहले पूजाके समय भगवान के चरणोंमें जो चन्दन लगाया था और उसमेंसे जो बचा था उस चंबनसे । cra
SR No.090116
Book TitleCharcha Sagar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChampalal Pandit
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year
Total Pages597
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Principle
File Size17 MB
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