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________________ शुद्धता पंष्ठ पंक्ति असा २३ ५ का. ४ में ८ का भंग ४ का भंग चंदो काईन का, ५ में से दो लाईन नीचे सरकार पळो । ९४ ८ का. ३ में ३ १४ १२ का. ५ में २-६ के २-१ के ९४ १. का. ८ में भंग १ योग ९४ १३ १ मंग १ योग ९५ प्रारंमसे का, ४ में १ से गण, में ९का मंग ९५ प्रारममें का. ५ में ९ के मंग में से कोई १ योग जानना ९५१. के नीचे का. ७ में ४ ये गण में 1 का भग का , ८ में १ पुरुषवेद जानना का७ में १ मंग सारेभंग ९६ २९ ९६ १८ ९७१ , ३ रे गुण मे २५ का भंग का, ३ में २० का भंगमे से ९५ प्रारंम ९७ का. ४ में का. ६-७-८ मे कमसे ५ ३ ४ थे गण. में २४ का भंग १.का भंग ऊपर के कर्म भूमिके २१ के भंगमें से ६-७-८ के भंग १ शान ये तीनो नीचे के स्थान १२ मानामने रखकर पढ़ो। श्रुत ४थे ५ वंगण में घटाकर ५ ९७७ का. ४ में ४म में र का. ६ में घटाकर १ का. ९ में ११ मंगों १,२के अंगो का. ५ में 1-२के भंगमै २ के मंगमें का.३ में इस सपना को इसके बीवमे गाये हुए कालम ३ और ४के बीच मे का रेखा निकालकर पड़ो। १९ १.१ १८ ११ का.६ में का. १ में २,३,४५.१०० देखो नीचे जो कासम 1 में शुरू हुई सूचना है यह यहां उसके बीच में हरेक कॉलम के रेखाथों को हटाकर पढ़ो। १-१-१-१के भंग २रे से ५ में गुणस्थान में १०१-१८१९के बीच में का. ३ में १.१ २७ का. ३ में २ रेसे पूर्व गुण में १०११३ के ऊपर का.६ में १०११के ऊपर का.६ में तक के १०२ १ का. २ में १ २ तक के जीवों में जन्म लेनेकी अपेक्षा जागना
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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