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________________ प्रकुतियों के नाम कौन कौन से संक्रमण होते हैं. उतलन | विध्यात | विध्यात / अधः प्र. | गुण सं० | सर्व सं० | विशेष विवरण अघःप्र० । ३६ प्रकृतियों ११ध: प्रवृत्ति (१) ज्ञानावरण के ५ (२) दर्शनावरण के ४ (३) साता वेदनीय । (४) संज्वलन लोभ १ (५) नामकर्म-पंचेन्द्रिय जाति १ तंजस-कार्मारा शरीर २ | समचतुरस्र सस्थान १ । शुभ-बर्यादि अगुरुलघु परघात १ उच्छवास १ प्रशस्त विहायोगति १ अस १ बादर पर्याप्त प्रत्येक शरीर १ स्पिर शुभ ? सुभग १ सुस्वर १ पादेय १ यश: कीति १ निर्माण ये ३६ प्रकृति जानना ये ४ संक्रमण जानना (६) ग्रंतराम कर्म के ५ ३० प्रकृतियों में (१) स्थानमृद्धि प्रादि ३ (२) अनन्तानुबंधी कषाय ४ | . अप्रत्याख्यान कषाय ४ । महानिद्रा ३
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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