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________________ चौंतीस स्थान दर्शन कोष्टक नं०६६ सामायिक-छेदोपस्थापना संयम में की.नं.१-देन १ देखो १५ लेल्या सारे भंग १ लश्या । सारे भंग । १ लेश्या शुभ लेश्या जानना । () मनुष्य गति में । १८ देखो। को नं. १: (१) मनुष्य गति में कोनं १८ देखा को० न०१८ २-३ के भंग-कांनं देखो ३ का भंग-को० नं १८ | देखो १६ भव्यत्व १भव्य-कोन०१८ १ भव्य-कां० २०१८ देखी देखो १० सम्यक्त्व मारे भंग गम्यस्व सारे मंग १ सम्यक्त्व उपगम क्षायिक- मनुष्य नि में का नं०१८ देखा | को नं.१८ | उपनम म० घटाार (२).को. नं.१८देखो का नं०१८ दयापम माय (३) ३-३-२ के भंग दिनां ११) मनुष्य मति में कोनं १८ देखा २का भंग को नं १% देखो १८ संजी १ संजी जानना १मजी जानना संज्ञो १६ ग्राहारक १ अवस्था याहारक मनाहारक १पाहारक १पाहारक कानं०१८ देखो को० नं०१५ कोल्नं०१८ देखो कोनं०१८ देखा । देखो सूचना-पंज ७४ पर देखा २. उपयोग ! सारे भंग १ उपयोग सारे भंग १ उपयोग ज्ञानोपयोग ४, (१) मनुष्य गति में 'को नं. १ देखी को० न०१८ । मनः पर्यय ज्ञान घटाकर दर्शनोपयोग ये (0 5 -४-१ के भंग | देखा की नं०१८ दखा (१) मनुष्य गति में कोनं-१ दखो । को० नं०१८ ६ का भंग कोन.१८ देखो सारे भंग १ घ्यान । सारं भंग १ ध्यान प्टवियांग ब्दोरकर | (१) मनुष्य पनि में का नं.१८ देखो को० नं.१८ पृषकच विवो घटा-को० नं०१८ देखो, को नं. १ अप मानध्यान 3-1-2क भग-० नं. ' देखो कर (७) देखी वनध्यान ४. गृयमन१८दयो का भंग-कोन विन रिचार शुल १८ दमी ध्यान १.ये - ध्यान जानना tej
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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