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________________ १ चौतीस स्थान दर्शन योग १ श्र मिश्रकार योग १, आ० क.म योग १ मे ११ यांग जानना १० वेद ३ को० नं. १ देखो ११ कषाय १३ मुज्वलन कषाय ४. हास्या दिनोकषाय है ये १३ कथाय जानना १२ ज्ञान 7 केवल जान घटाकर (४) १३ संयम सामायिक दोस्थापना संयम में से जिसका विचार करना हो वह १ संयम जानना १४ दर्शन ३ ५-६ के भंग- को० नं० १० देख १ मनुष्य गति में ३-१-३-३-२-१-० के भंग को० नं० देखो ११ (१) मनुष्य गति में १३-११-१३७६४ ३-२-१ के मंग-को० नं० १८ देखी १) मनुष्य गति में ४-३-४ के भंग को० नं. १८ देखो १ (१) मनुष्य गति में जिसका विचार करना हो यह १ संयम जानना ३ ३ को० नं० १६ देखी ६ (१) मनुष्य गति में ३-३ के भंग-को० नं० १५ देखो ( ४०५ ) कोष्टक नम्बर ६६ イ मारे भंग को० नं० १८ देखो सारे भंग को० नं० १८ देखो मारे मंग को० न० १८ देखो सारे मंग को० नं० १८ देखो १ वेद को० नं० १८ देखी ९ मंग को० नं० १० देखो १ ज्ञान को० नं० १० देखो 1 १ दर्शन को० नं० १५ देखो सामायिक वेदोपस्थापना, संयम में १ का भंग-को० नं० १- देखो १ पुरुष-वेद (१) मनुष्य गति में १ का भंग- को० नं० १८ देखो ११ स्त्री-पुरुष वेद ये २ घटा कर (११) (१) मनुष्य गति में ११ का भंग-को० नं० १- देखो (१) मनुष्य गति में ३ का भंग-फो० नं० १८ देखो १ पर्यावत् जानना ی ३ सारे भंग मनः परंथ ज्ञान चटाकर को० नं० १८ देखो 1) (१) मनुष्य गति में ३ का मंग को० नं० १८ देशो सारे भंग को० नं० १ देखो सारे भंग फो० नं० १८ देखो सारे मंग [को० नं० १८ देखो C १ वेद को० नं० १८ देखो १ भंग को० नं० १८ देखो १ ज्ञान फो० नं० १८ देखो १ फो० नं० १८ देहो
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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