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बाँतीस स्थान दर्शन
कोष्टक नम्बर १८
ममुख्य बति
११ये गुरण में १५ के भंगों में से कोई १५ का भग
मंगजानना उपगम या क्षायिक सम्पबत्व । में में कोई सम्यक्त्व, उपयाम चारित्र, मति दि चार नानों में में कोई १ज्ञान, तीन
नों में से कोई दर्शन, क्षयोपशम लब्धि ५, मनुष्य
गति है, सुबल लेश्या १. प्रज्ञान १, सिद्धत्व.. भव्यत्व जीवत्व १.१५ का भंग जानना मुचना-इस १५ के भंग में भी ऊपर के समान अनेक प्रकार के अम जानना
१२खे गुण.
१५ का भंग १५ के मगों में से कोई क्षायिक सम्यक्त्व है, क्षायिक भंग जानना चारित्र १, पति ग्रादि चारों। जानों में से कोई ज्ञान, तान . दर्शनों में से कोई १ दर्शन, भयोपटाम मटिप ५, मनुष्यगति' १, शुक्ल लेश्या १, प्रज्ञान १, . प्रसिदत्व १, भव्यत्व १,जीवत्व १,१५ का भंग जानना। सूचना-इस १५ मंग में भी ऊपर के ममान अनेक प्रकार । के भंग जानना