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________________ चतोस स्थान दर्श ६ गति मनुष्य पनि ७ इद्रिय जाति पंजी पंचेन्द्रिय जाति = काय ९ योग १ त्रम काय १३ सं० मित्रकाय योग ब० का योग, २ घटाकर (१३) ११-१३-१४ वे गुगा में to का भग यहा कोई मंशा नही है २) भांग भूमि मे १ से ४ गुग्ग का भग ऊपर के कर्म भूमि के समान जानना 2 मं १ १ से १८० में १ मध्नुय गति जानना 9 १ मे १४ मुग्ण ० मंत्री पं. जाति जानना 计 १ १. से १४ गुरप० में सकाय जानना १० प्रो० मित्रकाय योग १, आहारक मिश्र काय योग १ कार्मारण काय योग १. ये घटाकर (१०) २२-६-५-०६ के भग जानना (१) कर्म भूमि में ? से गुग में ह का भंग औदारिक काय योग १, वचन योग ४. मनां योग ४ ये का भंग जानना ( ११ ) कोष्टक नं० १० o ४ का भग ? 6 मारे ग अपने अपने स्थान के सारे मंग जानना ६ का भंग ५. ४ का भंग १ योग सारे गंगों में से कोई १ योग जानना ६ के भंग में में कोई योग जानना १-२-४-६-१३६ गुरण में c १ मनुष्य गति जानना ? १-२-४-६-१३६ गुरु ० १० में | १ मंजी पं० जाति जानना १ १-२-४-६-१३वे गुर० में १ जसकाय जानना ३ औ० मिश्रकाय योग १. आ० मिश्रकाय योग १. काम काय मांग 2. योग जानना ९-२-१-२-१-१-२ के भंग जानना (१) कर्म भूमि में १-२-४ गुगर० में १ का भंग विग्रह गनि | मे ? कारण बांग जान २ का भंग आहार मनुष्य गति 6. सारं भंग अपने अपने स्थान के सारे मंग जानना १-२ के मंग जानना : i 前 १ योग सारे गंगों में से कोई १ यांग जानना १-२ के मंग में से कोई १ योग जानना
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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