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________________ २७६ छन्दोऽनुशासनम्। शङ्ख-दण्डक (नन +14र) 2.388.7 | सती (जगग) 2.27 शङ्ख (त+6ज+लग) . 2.360 सद्गत्नमाला (मनसनमयलग; y.5,8) 2.340 शङ्ख (भ or य) 2.14 com. समानी (रजगल) 2.83 शफरिका (नर) 2.43 समुद्र-दण्डक (नन+ 15र) 2.388.7 com. शरभललित (नमनतगग) 2.239 समृद्धि (रंग) 2.18 शरभा (नभनतगग; y.4,6) 2.240 संभ्रान्ता (नयभतनननस) 2.370 शरमाला (भभभभसग) 2.264 सरल (मभग) 2.61 शशाङ्कचरित s. शशाङ्करचित सान्द्रद s. श्री शशाङ्करचित (तभजभजभलग) 2.344 सारणी (सजयलग) 2.153 शशिकला (ननननस; y.7) 2.243 | सारसी (जरजरजग; र) 3.25.3 शशिलेखा (नजय) 2.103|सावित्री (मम) 2.33 शशिवदना s. सिद्धि सावित्री (मलग) 2.30 शशिवदना (नय) 2.39 | सिंह (नमरसलग ; y.7 2.228 शारदी (भजग) 2.64 सिंहलेखा (रजगग) 2.81 शार्दूलललित (मसजसतस; y.12) 2.310 सिंहविक्रान्त-दण्डक (50+ any य) . 2.392 शार्दूलविक्रीडित (मसजसततग; V.12) 2.321 | सिंहविक्रीड-दण्डक (any य) 2.396 शालिनी (मततगग; y.4) 2.135 | सिंहाक्रान्ता (मभस) 2.105 शिखण्डिनी (यम) 2.51 | सिंहोद्धता . वसन्ततिलका शिखण्डी (जरजर; र) 3.25.2 | सिंहोन्नता . वसन्ततिलका शिखरिणी (यमनसभलग; y.6) 2.286| सिद्धि (नजभजजजर) 2.350 शिखा (9न + लग; 10न + लग) सुकेसर (नरनरलग) 2.233 शिखा (, , द्विपदी) 3.30 सुख (लग) 2.10 शिखा 8. सोम्या and ज्योतिस् सुदन्त (सयसजग) 2.217 शिखा S. उष्णिक सुधाकलश (नजभजजजभजलग; y.14) 2.380 शिखा . सती | सुनन्दा (मय) 2.48 शिखी (र; जरजर) 3.21 सुन्दर (रनभभर) 2.256 शिशु (तजससय) 2259 सुभद्र (8भ) 2.368 शुद्धविराट् (मसजग) 2.109 सुभद्रा (जरग) 2.67 शुद्धविराडूऋषभ (मसजभगग; सनजरग; तजरः सुमङ्गली s. नन्दिनी नननजय) 3.50 सुमति (सग) 2.21 शुभ्र (ज or र) 2.14 com. | सुमालती (नरलग) 2.76 शैलशिखा (मरनभभग) 2.281 | सुमुखी (भग) 2.16 शोभा (यमननततगग; y.6,7) 2.338 | सुमुखी (नजजलग) 2.145 श्येनी (रजरलग) | सुरतललिता (मनसतरग) 2.280 श्री (ग) 2.6| सुरतावसथ 8. संगत श्री (भतनगग; y.5). 2.132 सुरभि (सनजनभस; y.5,5,5) 2.316 श्रीधरा s. मन्दाक्रान्ता सुवा (नजजरग) 2.195 श्रेयोमाला (ममजजग; y.4). 2.201 सुवदना (मरभनयभलग; y.7,7) 2.334 षट्पदावली (जरजरग; रजरज) 3.11 | सूचीमुखि (सम) 2.50 संगत (5भ+ग) 2.265 ! सोपान 8. कलिका Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.090113
Book TitleChandonushasan
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorH D Velankar
PublisherSinghi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai
Publication Year1961
Total Pages444
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size9 MB
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