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________________ INDEX OF SANSKRIT METRES २७५ ललितलता (12न + लग; y.10,10,10) | वानवासिका (16 Matras) 3.69 2.384 | वायुवेगा (मसजसनजग; y.12) 2.322 ललितलता (ननभनजननय, y. 7,7) 2.366 | वारुणी (र; जरजरजरलग) 3.23 ललितविक्रम (भरनरनरर; y. 10) 2.347 | विक्रान्ता (भम) 2.49 ललिता (तभजर) 2.175 | विच्छित्ति S. भङ्गि ललिता 8. सुमुखी वितान (8 Aksaras) 2.87 लवली (10+गग; 14+गग; 6+गग; | विदग्धक (रलग) 2.24 18+गग) 3.44 विदुषी (सससलग) 2.131 लीलाकर-दण्डक (नन +127) 2.388.5 | विद्युन्माला (ममगग; y.4) 2.74 लीलाविलास-दण्डक (नग+147) 2.390 | विद्युन्मालिका (नसततग) 2.209 वंशदल 8. वंशपत्रपतित विधुवत्रा (भसग) 2.60 वंशपत्रपतित (भरनभनलग; y.10) 2.288 विपरीतपथ्यावक्र 3.35 वंशस्थ (जतजर) 2.159 | विपरीत-आख्यानकी (जतजगग; ततजगग) 3.9 वक्र (अनुष्टुभ् ) 3.33 विपुलभुजा (नजयग) 2.125 वक्र (भमम; y.5) 2.88 विपुला गाथा (द्वि) 4.4 वज्र s. मधुकरिका विपुला वक्र 3.37-39 वञ्चित (मतनसततग; y.5,7) 2.328 विबुथप्रिया 8. अनङ्गलेखा वतंसिनी (र; जरजरजरंनर) 3.24 विभा (तरगग) 2.72 वनमञ्जरी (नजजजजरभर) 2.351 | विभावरी (जरजर) 2.184 वनमयूर s. स्वलित विभ्रमगति (मसजसततभर) 2.371 वरतनु (मतयननननग) 2.356 | | विमला (सजग) 2.66 वरतनु S. मालती विमला (समनलग) 2.151 वरयुवति (भरयननग) 2.282 | विमला (सय) 2.46 वर्धमान (मसजभगग; सनजरग; ननसननस, विलम्बितगति 8. पृथ्वी नननजय) 3.49 विलसितलीला (भभतलग; नजनसग) 3.18 वलना (रनभभगग) 2.232 विलासिनी (जग) 2.17 वसन्त (ननततगग; y.7) 2.224 विशाला (नसय) 2.101 वसन्तचत्वर . विभावरी विश्लोक (16 Matras) 3.67 वसन्ततिलका (तभजजगग) 2.231 वीथी . मुकुल वसन्तमञ्जरी . वंशस्थ वृत्त (रजरजरजगल) 2.335 वसन्ता s. मेघावली वृन्ता (ननसगग; y.4) 2.139 वसुधारा (5न+गग; y.5) 2.296 वृन्दारक (जसजसयययलग) 2.364 वागुरा S. विदग्धक वृषभललिता s. हरिणी वाचालकाञ्ची . काञ्ची वेगवती (सससग; भभभगग) 3.4 वाणिनी (नजभजजगग) 2.299 | वेगवती (नजनसभनननलग) 2.379 वाणिनी (नजभजरग) 2.276 | वेल्लिता (ससननमग) 2.284 वाणिनी (नजजजरग) 2.277 | वैतालीय (6+रलग; 8+रलग) 3.53 वातोर्मी (मभतगग; y.4) 2.136 | वैश्वदेवी (ममयय; y.5) . 2.177 वातोर्मी (मभभगग; y.4) 2.137 | व्याल दण्डक (नन +107) 2.388.3 वानरी (जरलग; र) 3.25.1 ब्रीडा (यग) 2.20 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.090113
Book TitleChandonushasan
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorH D Velankar
PublisherSinghi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai
Publication Year1961
Total Pages444
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size9 MB
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