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INDEX OF SŪTRAS
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1.8
त्री नौ ाश्चित्रकम् त्रौ जला त्रौ नौ ज्भौ रः कथागतिः त्रौ ल्गौ नाराचम् त्र्यादिर्गादिः सौ गो भ्रमरमाला लगा नन्दा थैः षचातं चिपौ वा दशग्ला वृत्तम् दाचदालदाचदालि दामात्रा नो रासको दीर्घप्लुतौ देवगानं फुल्लडकम् द्वयोरर्धसंकरे संकीर्णम् द्वयोर्व्यत्यये उद्गीतिः द्वादश ना ल्गौ ललित द्वादशश्च वानवासिका द्वाभ्यां भद्रिका द्विः पूर्वार्धं गीतिः द्विगमापीडः . द्विघ्नानेकाध्वयोगः द्वितीये तुर्ये तयोर्वा द्वित्रिचतुःपञ्चषट्कला द्वित्रिचतुर्भिर्लक्षणैमिश्रा द्विपदी द्विपद्यन्ते गीतिभिङ्गिका द्विपद्यवलम्बकान्ते विर्भजसना भ्यौ धवलमष्टषट्चतुष्पात्
धृत्यां म्रभ्या रौ . ध्रुवायां छैः कलाभिः
नः स्मौ तौ गौ पाम्
2.362 | नग्भ्यामष्टादिराः .2.47 नजभाजिम्जल्गाः 2.346 | नजिर्गा वा 2.78 नजीभ्रा वनमञ्जरी 1.17 | नजगास्त्वरितगतिः 2.57 | नज्यगा विपुलभुजा 2.28 | न ज्याः शशिलेखा 6.14 नभज्याः कलहंसा 2.335 | नभभ्रा द्रुत
नभभ्रा नभिरा 5.3 | नभ्रसा जौ गः
नम्रसल्गाः सिंहः 5.41 | नवकदलीपत्रं ढजैः 5.27 | नवमश्च चित्रा
4.8 | नवरङ्गक तजैः 2.384 | नवावजातिः 3.69 | नश्चपला 4.11 | नष्टाङ्के गणैर्हते
4.6 | नष्टेऽङ्कस्य दले 3.43 | नस्ना गावशोका 8.17 | नस्मम्यल्गा रोहिणी 5.18 | नस्या विशाला ___1.3 | नाद् गौः 6.22 | नाद्धंसगतिः
7.1 | नाद् भज्राः प्रियंवदा 4.86 | नाभ्यां पञ्चमात्रैरुत्कलिका - 4.88 | नाभ्यां रवद्यादयः प्रचितः . ...2.383 | नारल्गा नजज्रा . . . 5.32 | नार्क चण्डवृष्टिः
2.300 | निगौ निलया ... 6.4 | निजस्गा ललितपदं .. ... 2.294 | निसौ हीः
2.390 2.380 2.277 2.351 2.112 2.125 2.103 2.160 2.163
3.12 2.331 2.228 .7.20
3.68 7.30 6.17. 3.36
8.5 ... . 8.4 . 2.152
2.295 . ..2.101 . ... 2.257
.. 2.361
1.2.174
.... 2.401
2.389 . 3.15 '2.387 2.115 2.272 2.192
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