________________
२१
शु
१
प
रिसि समुदाय दोळ
होस बुद्धि ऋद्धि सिद्ध
हसर मेल्लद दयापरनु
F#
व
६
॥ मिगिलागिपालिसुतदरन्ते भव्यर। बगेय पालिसुवनाचार्य ॥७५॥ हि ॥ प्रवस्वारगेस प्राचार सारख सवियवयवव तोरिसुव ॥ धर्म वैभव वदरंक दष्टाचार । धर्म व पालि सुवार्य तुरनारैदु तोरुव । सारतरात्म श्राचार्य नरद मार्ग भूवलय
ध
41
श्रा रिगियोळ, वश धर्मद सारय। सारिदगुरुप्राचार्य ॥ सारद सि
हारद रत्न भूवलय
सारतरात्म भूवलय ॥७६॥ दारि योळ, बन्द भूवलय ।।८२ ॥ सारात्म किरण भूवलय ॥८५॥ शूरर ज्ञान भूवलय ॥६८॥ सारमा गिक्यभूवलत वीर महादेव बलय सारवसारिदाचार्य सिद्धिबालसुवरद बशवाणुबन्तात्म निर
11 219 11
त
शनागुबनु लोकाप्रदेने लसुध राशियोशुद्ध तानागी ॥ लेसा तो र्तनागिरे ग्रात्मनुसंसारद । व्यथेयनेल्लवम्समेदि
55
होसमाद वार्जवरूप
यशदोषद्वय हि
वृषभनाथन काल दरिव
गन मार्ग दो पोपरंदद तीव्रत्व | दगणितदाचारसद
वद कद ते सम्पूर्ण पदार्थद । सविचार वेल्लवन
मं साम्राज्यद सार्वभौमत्वबु । निर्मल सद्धर्मव
मा
॥६७॥
॥७०॥
॥७३॥
।। ६१ ।।
॥ ६४ ॥
सिरि भूवलय
॥१०५॥
॥१०८॥
॥११७॥
॥१२०॥
॥ १२३॥
धीरन चरण भूवलय
र्
मायलोभ क्रोध कवायद । तारवेल्लवईगळिदु ॥ ताण वा बकारमन्त्रवसार सर्वस्व । श्रवरिवरेन्नदेसर
नवदंक संपूर्णसिद्धर् अवरनन्तांकदेवद्धर् प्रवरंगनिर्मलशुद्धर श्रवरु "स" अक्षरयादि ॥ ११४॥
॥ १११ ॥
श्रवतारवळि बुबाळ्ववरु सवियागुरुलघुगुरु
अवरव्यांबाधधररु
॥८०॥
शूरर काव्य भुवलय ॥८३॥
नेर सिद्धान्त भूवलय ॥८६॥ सारात्म ज्योति भूवलय ॥८६॥
॥६६॥
॥७१॥
स
अवरुवासिसुव भूवलय श्रवरनन्तवज्ञानवररु अवयववदिवयवत श्रवमिन्दजीविपर
॥७४॥
नवसूक्ष्मत्वताळ्दवरु radhariva
॥१०६॥
॥ ११२
।। १.१५ ।।
श्रवरनन्तदबीर्ययुतरु
सर्वार्थ सिद्धि संप बेंगलोर-दिल्ली
॥६६॥ ॥७२॥
होसदाद पदशवार्य उ सहसेनार्य वंशज
॥११८॥
T१२१॥
॥ १२४ ॥
क्रूर कर्मारि भूवलय नेरदध्यात्म भूवलय
वीरनवचन भूवलय
वीरजिनेन्द्र भूवलय ॥ ६२ ॥ भूरि वैभवयुतवलय
॥ ६५ ॥ 11 = 11
एरियनन्त आचार गेरिवेनुभक्तिय
भूरि वैभवद विरागी
॥ यशवळि सुवदेहवजतनागुल । वशवागेमोक्षवुसिद्ध, र्थवद सारेभव्यर | राशिराशिये काविह
पा ।। क्षितिये श्री सिद्धत्व दनुभवदादिय । हितवदनन्तषु काल रंगयनेल्लकातलरियुत। श्रानन्ददिहरेल्ल सिद्धर्
॥१०२॥
॥१०३॥
।। मवयववेश्रात्मन रूपवागिह। अवरुसिद्ध एम्बरियय् ॥ १०४॥ नवकार मन्त्रवसिद्धर् नवकोटिमुनिगळगुरुगळ् नवसद्दर्शनमयद
॥१०६
सविसौख्यसार सर्वस्वर
॥७६॥
110011
113411
६४
।।६४।।
६७
रा
॥६३॥
॥६६॥
HEE
॥१००॥
॥१०॥
॥१०७॥
।। ११० ।। ॥११३॥
॥ ११६॥
अधरनन्तवसुखमय
११६॥
॥१२२॥
कवियवगाहवोळिक अवररहन्तत्त्वतिळिवर ॥ १२५ ॥