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सिरि भूवलय
सर्वा सिद्धिसंघ बैंगलोर-दिल्ली
४६६१४६४७५१२६३०००००००००००० यह मात्रा हरेक के द्वारा आया हुआ लब्धांक है इन कुल मिलाने से ६४ आता है ।
६४ को जोड़ दे तो १० होता है ।
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॥ सारतरात्मतत्यव नोडलेरळ् भाग । दारके श्ररथत्तोंदु तन्दु ॥ श्रदरद्धं माडलु बह भंगाक्षर । वदर क्रम वदितिहुनु ॥ विमलात्कारु ऐवेळ मूरेळ । समनाकळे दुनात्सूर्येरड दे ॥ श्रवतरिसिद तप्प तप्पेनलागदु । सधियंक दुपदेश मुदे
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क्षणवागि इप्पत्तों बत्तक । धावल्य वदतु काणु विर
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॥ कोविदोंक उत्पत्ति याप्तिल्लि । नववैर्दार भागवाय
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बढें तो अंतु हृदय होक्कु । हृदनागि भोग योग वनु ॥ने कोने होगिसि कर्मवकेडिसलु । श्रनुपम पंचान्गि इदेको मनुजत्वदनुभवलाभ ||२६|| घनकर्मदात्रवविल्ल ॥३०॥ जिनमुद्र हृदय होकिकह जिननाथनोप्पिदभक्ति ॥ ३३ ॥ जिन मुनिगळ ज्ञानयोग ||३४|| विनुतांतरंग विज्ञान जिननाथ अडिटमार्ग ||३७|| घन कर्म वळिव भूवलय ॥ ३८ ॥ जिनवर्धमानसाम्राज्य
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रित्र दंकवितिवनेल्ल कूडिद । दारियोळ बंबिहूदं दहिरतेय क्रम प्रतिलोम वा । अदरक प्ररवशनाल मना हन्मोंदु सोन्नेय निट्टु मुन्दरण मदोळ ऐरिब afaya कालक्र
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वदंक बनेर परस्पर fe
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डानि मंगल वृद्ध बहस गमनिस लाग ॥ तावे तप्पित वेनिल्ल । श्रवियादुत्तर दं
रंगो वदंकदे बंद
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दिन दिन दत्याशे एरलुबिडदिह । अनुपमयोगाग्ति यदतुम् धनरत्न ऐडुइंद्रिय ॥ २८ ॥ अनुभवगम्यद दृष्टि ॥३२॥ तनयरिगेल्ल सौभाग्य ॥ ३६ ॥ मनसिंहवग्रद कमल ॥४०॥
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रद संहननद आदि यादी काव्य । धरेय भव्यर भावदलि ॥
万 दन बावु वक्रवददु । सदरदि हूविन गंध ॥ मृटु
नवोळु तपदात्म योगदे तम्म । तनुवतु कृशव्
॥४३॥
वनु संख्यात बोळरिवं जिननाथनरिकेगेगम्य वनपडेदवनोव्बयोगि दिन दिन उन्नति गडव सादं कर्म भूवलय
॥५२॥
॥ ५५॥
मनव माजिद कर्मद कगळटु । विमलात्म गुणायदे सयुतवागिऽच्चुत बरला प्रत्म होस श्रादियाद ज्ञानयद ॥ वशनोळिसुवनुपाध्यायं ॥५८॥ यशवोळिद्रियव जयिसिरुव ॥ ६१ ॥ असम मानवरग्रगण्य ॥६४॥
॥४६॥
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॥४६॥
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रुय प्रतिम समुद्घातयनुतोष । गुरुगळंवर दिव्य चरण श्राग ॥ जिननाथनंदद सर्व साधुगळंक । दनुभव साधुसमाधि घननं तांकोळरिय धनदुष्कर्म दावाग्नि
॥४४॥
घन शिव सौख्यद पडेव धनशुद्धोपयोगियवं
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वनुप्रसंख्यातदोळरिव तनुमनवचनातीत
॥४७॥
विनुत वैभव शालि अज्ज नगृह्य् वेल्लवनरिव
॥५॥ ॥५३॥
मु रुळि ॥ गमकद कलेयन्तेऽच्चत बहवाग । तमगल्लि उपदेश शक्ति शियोळ, पड़ेद, दहगलुख न द ल्लगे । वशागोळिसुघव पालकन रस दूध उणि सुबनाये (चार्य) ॥५६॥ यशद े भूवलयवनलेव ॥६०॥ होसब नागेसेव भ्रुबलय ॥६२॥ हसियनोड़िसिद महात्मा ॥ ६३ ॥ हो सेबु पेळुव द्वादशांग असदृश समतेय वेळ व ॥६६॥
॥६५॥
॥२०॥ २५॥
॥२२॥
।।२३।।
।। २४ ।।
।। २५ ।।
॥२६॥
॥२७॥
॥३१॥
।। ३५ ।।
॥३६॥
।। ४१ ।। ॥४२॥ ४५।। ॥४८॥
।। ५५॥
।। ५४ ।।
॥ ५६ ॥ ।। ५७॥