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सदृष्टि नं. 35 सानत्कुमार माहेन्द्र स्वर्ग अपर्याप्तक भाव (31) सानत्कुमार माहेन्द्र स्वर्ग में अपर्याप्त अवस्था में 31 भाव होते हैं। जो इस प्रकार हैं - सम्यक्त्व 3, ज्ञान 3, कुज्ञान 2, दर्शन 3, झायो. लब्धि 5, देवगति, कषाय +, मिथ्यात्व, पीत पद्म लेश्या, पुल्लिंग, अज्ञान, असंयम, असिद्धत्व, पारिणामिक भाव 3 | गुणस्थान मिथ्यात्व, सासादन और असयत ये होते हैं। संदृष्टि इस प्रकार है - गुणस्थान भाव व्युच्छिति भाव
अभाव मिथ्यात्व |2(मिथ्यात्व, 124 (कुज्ञान 2, चक्ष, 1(सम्यक्त्व ३, ज्ञान ३, अभव्यत्व) अचक्षु दर्शन, सायो | अवधिदर्शन)
| लब्धि 5, देवगति कषाय, मिथ्यात्व, पीत, पदम लेश्या, अज्ञान, असंयम, पुल्लिंग, मसिद्धत्व पारिणामिक भाव 1
सासादन|2 (कुज्ञान 2) |22 (उपर्युक्त 24 - (उपर्युक्त 7 +
मिथ्यात्व, अभव्यत्व) | मिध्यात्व, अभव्यत्व)
अविरत | 2 (देवगति 27 (सम्यक्त्व 3, ज्ञान | 4(कुज्ञान 2, मिथ्यात्व, असंयम) 3, दर्शन 3, झायो. अभव्यत्व)
लब्धि 5, देवगति, कषाय, पीत, पद्म लेश्या, अज्ञान, पुल्लिंग, असयम, आसिद्धत्व, जीवत्व, मव्यत्व)
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