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भाव
संदृष्टि नं. 34 सानत्कुमार माहेन्द्र स्वर्ग भाव (32) सानत्कुमार माहेन्द्र स्वर्ग में 32 भाव होते हैं । जो इस प्रकार है - सम्यक्त्व, कुज्ञान 3, ज्ञान 3, दर्शन 3, क्षायो. लब्धि 5, देवगति, कषाय, मिथ्यात्व, पीत लेश्या, पद्म लेश्या, पुल्लिग, अज्ञान, असम, असित्य, धारिणायक शान 31, गुणस्थान मिथ्यात्व, आदि चार होते हैं। संदृष्टि इस प्रकार है - गुणस्थान भाव व्युच्छिति भाव
अभाव मिथ्यात्व | 2 (मिथ्यात्व, 125 (कुज्ञान 3, चहा, | 1 (सम्यक्त्व 3, ज्ञान 3, अभव्यत्व)
अचक्षु दर्शन, झायो अवधिदर्शन) लब्धि 5, देवगति, कषाय, मिथ्यात्व, पीत पद्म लेश्या, पुल्लिंग, अज्ञान, असंयम, असिद्धत्व पारिणामिक भाव 3)
सासादन 3 (कुज्ञान 1) |23 (उपर्युक्त 25- 9 (उपर्युक्त 7 +
मिथ्यात्व, अभव्यत्व) | मिथ्यात्व, अभव्यत्व)
मिन
. |24 (मित्रज्ञान 3, दर्शन| 8 (उपर्युक्त 9- कुज्ञान 3
3, क्षायो. लब्धि 5, + मिश्रज्ञान 3, देवगति, कषाय 4, पीत, | अवधिदर्शन) पद्म लेश्या, पुल्लिंग, । अज्ञान, असंयम, असिद्धत्व, जीवत्व,
भव्यत्व) अविरत |2 (देवगति, ।
|21 (सम्यक्त्व 3, ज्ञान | 5 (कुज्ञान 3, मिध्यात्व, असंयमा
3, दर्शन 3, झायो. अभव्यत्व) लब्धि 5, देवगति, कषाय 4, पीत, पद्म लेश्या, पुल्लिंग, अज्ञान, असंयम, असिद्धत्व,जीवत्व, प्रव्यत्व)
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