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गुणस्थान भाव व्युच्छित्ति |
भाच
अभाव
लिंग तीन,असिद्धत्व, असंयम, अज्ञान, जीवत्व, भव्यत्व, अभव्यत्व
सासादन]
13}कुमति, (29) कुमति, 19) (औपशमिक, कुश्रुत,
| कुश्रुत, कुअवधि सम्यक्त्व, क्षायोपशमिक कुअवधि ज्ञान) | ज्ञान, चक्षु अचानु सम्यक्त्व, मति, श्रुत, दर्शन, क्षायोपशमिक
अवधिज्ञान, अवधिदर्शन, पाँच लब्धि,
संयमासंयम, मिथ्यात्व, सिपाति, ध,
अभव्यत्व मान, माया लोभ,3 लिंग कृष्ण,मील, कापोत, पीत, पद्म शुक्ल लेश्या, .. असिद्धत्व, असंयम, अज्ञान, जीवत्य, भव्यत्व
{30} {तीन मिश्र - Te) (औपशमिक शान, चवर्शन, सम्यक्त्व , मायोपशमिक अघगुदर्शन सिम्यक्त्व, मति, श्रुत अपधिदर्शन, · अवधि ज्ञान, झायोपशमिक पांच संयमासयम,मिथ्यात्व, अम्धि, नियंच गति, मभव्यत्व कोष, मान, माया, लोभ, लिंग, कृष्ण नील कापोत पीत पदम, शुक्ल लेश्या, असिद्धत्व, असंयम, अज्ञान, जीयत्व मध्यत्व
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