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________________ भट्टारक रत्नकोसि एवं कुमुदचन्द्र : व्यक्तित्व एवं कृतित्व गौतम नामे गुण संपले । गौतम नामे भूपति भजे ॥ २ ॥ गौतम कांगे पहले प्राद गौतम नामि लच्छि विलास ।। गौतम नमि सब प्रघ टले । गौतम नामे सजन मिले ।। ३ ।। गौतम नामे बाधे बुद्धि । गौतम नामि नब निधि सिद्धि । गौतम नामे रूप अपार । गौतम नामे हय गय सार ।। ४ ।। गौतम नामि मंदिर घणां । गौतम नामि सुख सहु तणा ॥ गौतम नामि गमती नारि । गौतम नामे मोहे " ...... ॥ ५ ।। गौतम नामि बहुदी करा। गौतम' नामि नावे जरा ॥ गौतम नामि विष उतरे। गौतम नामे जलनिधि सरे ॥ ६ ॥ गौतम नामे विद्या धणी। गौतम नामें निविष फणी ॥ गौतम नामि हरी नवि नरे। गौतम नामें नवि प्राखडे ॥ ७ ॥ गौतम नामे नोहे शोक । गौतम नामे माने लोक ।। सेवो गौतम गणधर पाय। कुमुधर कहे शिव सुख थाय ।। ८ ।। ( ५४ ) संकटहर पार्श्वनाथनी विनती गौतम गणधर प्रणमू पाय, जेह नामे निरमल मति थाय । गासु पास जीनेन्द्र ॥ १ ॥ अमवसेन कुल कमल नभोमणी, जग जीवन जिनवर श्रीभोवन धणी । वामा राणी नंदो ॥ २॥
SR No.090103
Book TitleBhattarak Ratnakirti Evam Kumudchandra Vyaktitva Evam Kirtitva Parichay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year
Total Pages269
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & Story
File Size4 MB
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