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________________ भरतेश वैभव उद्धार कीजिये । इस प्रकार वृषमराजकुमारको आगे करके सबने प्रार्थना की। केवलीने भी 'भवः च उत्तिष्ठत' इस प्रकारके आदेशके साथ दिव्यध्यानिकी वर्षा को। विशेष क्या ? देवेन्द्र धरणेंद्र व तेजोराशि आदि मुनियोंकी उपस्थितिमें उनका दीक्षा-विधान हुआ। सब लोग उस समय जयजयकार कर रहे थे। उस दिन रविकोति कुमारको आदि लेकर १०० कुमारोंको आदि. शिवने जिस प्रकार दोक्षा दो उसो प्रकार आज इन पुओंको इस स्वामीने दीक्षा दी। इतना ही कहना पर्याप्त है अधिक वर्णनको क्या आवश्यता है ? अति व आदिराजने यह कहते हुए साष्टांग नमस्कार किया कि अर्हन हमारी माताओं एवं मामियोंको दीक्षा प्रधान कीजिये | तब उसे भगवंतने सम्मति दी । शचिदेवी, पद्मावतो मादियोंने आगे बढ़कर परदा हाथमें लिया एवं मुनियोंको भो वहाँपर आनेके लिए इशारा किया गया । तदनन्तर उन पुण्यकांताओंको उस परदेके अन्दर प्रविष्ट कराया । पुरुष तो समवशरणमें अनेकबार दीक्षा लेते थे। परन्तु आज स्त्रियोंको दोक्षा है। उसमें भी सम्राट्की स्त्रियों तो पुरुष समाजके बोच कभी नहीं आया करती थीं। आज ही ये पुरुषोंकी सभामें आई हुई हैं। देववायके बजनेपर एवं तेजोराशि आदि मुनियोंकी उपस्थिति में उन सतियोंका दीक्षाविधान हुमा । उस दिन माता यशस्वतो व सुनंदाको जिस प्रकार दीक्षा-विधान हुआ इसी प्रकार आज भो उन स्त्रियोंको वैभवसे दीक्षा दी गई, इतना ही कहना पर्याप्त है। उस समय उन देवियोंने समस्त आभरणोंका परित्याग किया। हार, पदक, बिलवर, कोचोधाम, वीरमुद्रिकादि आभरणोंको दूर फेंक रही हैं जैसे कि कामविकारको ही फेंक रही हों । कंठमें धारण किये हुए एकसर, पंचसर, त्रिसर आदिको तोड़कर अलग-अलग रख रही हैं, शायद वे कामदेव अपनी ओर न आवे इसके लिए दिग्बंधन कर रही हैं जब सर्वसंगको परित्याग ही करने बैठी हैं तो इन भारभूत आभरणोंको क्या आवश्यकता है? इसी प्रकार कर्णाभरण, नासिकाभरण आदिको भी निकालकर फेंक रही हैं। अब पुनः स्त्रीजन्मकी अभिलाषा उन देवियों को नहीं है। मस्तकपर धारण किये हुए रलाभरणादिको निकाल कर इधर-उधर फेंक रही हैं। शायद विरहाग्निकी चिनगारियां ही निकल भाग रही हैं ऐसा मालूम हो रहा था। विशेष क्या, सर्व आभरणोंको तणके समान
SR No.090101
Book TitleBharatesh Vaibhav
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnakar Varni
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year
Total Pages730
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size16 MB
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