SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 85
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पणजी, गोआ | 41 आकर्षित होते हैं। ऐसे सुन्दर स्थान देश के अन्य भागों में भी हैं। इन बातों से दूर रहने वाले पर्यटक के लिए यहाँ हलकी गरम जलवायु, और समुद्र का सुन्दर किनारा भी पर्याप्त आकर्षक हैं। यहां पर पहले से ही किसी सरकारी होटल में स्थान सुरक्षित न करा सके तो उसे ठहरने के लिए अधिक किराया देना पड़ता है, क्योंकि यहाँ के होटल सदा भरे रहते हैं । गोआ पर्यटन विभाग ने विभिन्न किरायों के होटलों की लम्बी सची प्रकाशित की है जो कि पर्यटकों को निःशल्क मिलती है। ठहरने की कठिनाई के अतिरिक्त शाकाहारी पर्यटक को भोजन-नाश्ते के लिए पहले यह सुनिश्चित कर लेना चहिए कि वहाँ मछली आदि माँसाहारी वस्तुएँ तो नहीं बनतीं। यहाँ पाव-भाजी अधिक खाई जाती है। पणजी शहर मांडोवी नदी के बाएँ किनारे पर बसा है । इस नदी का पाट काफी चौड़ा है। यहाँ बाग-बगीचों, बहुमंजिली इमारतों के अतिरिक्त कुछ चर्च और श्री मंगेश मन्दिर अक्सर पर्यटक देखते हैं । शहर के पीछे अल्टिन्हो पहाड़ी है जो इसे भव्यता प्रदान करती है। बताया गया है कि यहाँ एक जैन मन्दिर का भी निर्माण होगा। यहाँ अनेक राज्यों के लोग रहते, व्यापार करते हैं और हिन्दी बहुत अच्छी तरह समझी और बोली जाती है। वैसे यहाँ कोंकणी (मराठी की एक बोली)मूल भाषा है। पुराने गोआ में दो चर्च विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं । एक 16वीं सदी में बना 'बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस' है जहाँ ईसाई सन्त फ्रांसिस जेनियर के अवशेष चाँदी की एक पेटिका में रखे हैं। दूसरा चर्च सेंट केथेड्रल है। इसके पाँच घण्टालों में से एक सोने का है जो कि विश्व के अच्छे घण्टालों में माना जा सकता है। व्यस्त जैन पर्यटक यदि पणजी पहुँच ही जाता है तो वह गोआ के दो और सुन्दर स्थानों की यात्रा कर सकता है । एक तो वास्को डि-गामा नामक शहर और दूसरा कलंगुट नामक समुद्री किनारे । दोनों भिन्न-भिन्न दिशाओं में हैं। ___ वास्को डि-गामा-यह पणजी से 31 कि. मी. की दूरी पर है । पणजी में बस-स्टैण्ड के पास मडगाँव (Margam) रोड है जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-17 कहलाता है। कुछ किलोमीटर यात्रा के बाद यात्रा बड़ी आनन्ददायक हो जाती है। सड़क पर जुआरी (Zuari) नदी का नया बड़ा पुल है और वहाँ से राजमार्ग क्रमांक 17ए लगभग 12 किलोमीटर इस नदी के किनारे चलते हुए वास्को डि-गामा पहुँचाता है। रास्ते के दूसरी ओर छोटी पहाड़ी और नारियल के पेड़ अनोखा दृश्य उपस्थित करते हैं । वास्को रेलवे स्टेशन के आस-पास बाज़ार है, सरकारी होटल और सूचना केन्द्र भी हैं। यहाँ भी अनेक बहुमंजिली इमारतें हैं। शाकाहारी भोजन की भी होटलें हैं । यहाँ से दाबोलिम हवाई अड्डा केवल 3 किलोमीटर या शहर के बाहर ही स्थित है। इसी प्रकार मडगाँव हार्वर (बन्दरगाह) केवल 3-4 किलोमीटर है। रेल तो यहाँ तक आती ही है। कलंगुट समुद्री किनारा (Calangute Beach)-गोआ के सबसे सुन्दर समुद्री किनारों में इसकी गणना की जाती है। यह पणजी से 16 कि. मी. की दूरी पर स्थित है। पणजी बस-स्टैण्ड से ओवरब्रिज पार कर लगभग 3 कि. मी. चलने पर पानी को एक टंकी के पास से सड़क कलंगुट समुद्री किनारे की ओर जाती है । यहाँ आबादी है, दूकानें हैं, बस स्टैण्ड है, सरकारी होटल भी हैं । समुद्री
SR No.090100
Book TitleBharat ke Digambar Jain Tirth Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajmal Jain
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year1988
Total Pages424
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & History
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy