SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 56
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 20 / भारत के दिगम्बर जैन तीर्थ (कर्नाटक) 20 कि. मी. की दूरी पर है। यह गाँव अकोक-गलतगा-चिकोड़ी रोड पर स्थित है। इसकी आबादी लगभग 15 हजार है। यहाँ लगभग 500 जैन परिवार निवास करते हैं। यहाँ दो दिगम्बर जैन मन्दिर हैं। शेडबाल आचार्य श्री विद्यानन्द जी का जन्मस्थान शेडबाल (Shedbal) भी चिकोडी तालुक में है। चिकोड़ी से वहाँ पहुँचने का मार्ग इस प्रकार है-चिकोड़ी से कागवाड़ और वहाँ से शेडबाल। शेडबाल दक्षिण-मध्य रेलवे का स्टेशन भी है और मिरज जंक्शन से 17 कि. मी. है। इस जंक्शन पर बम्बई से बंगलोर जाने वाली पूरी रेल बदलती है क्योंकि मिरज तक बड़ी लाइन है और मिरज से बंगलोर तक छोटी लाइन । शेडबाल में लगभग 200 जैन परिवार हैं और तीन दिगम्बर जैन मन्दिर । यहाँ एक धर्मशाला और शान्तिनाथ पाठशाला है। एक शैव मन्दिर में भी दिगम्बर मूर्ति है। यह भी ज्ञात हुआ है कि संसार के प्रति निर्मोही विद्यानन्द जी महाराज अपने जन्मस्थान के प्रति भी निर्मोही हैं। यदि वे चाहते तो वहाँ अनेक संस्थाएँ खुल सकती थीं। आचार्य विद्यानन्द जी 1985 में अपनी आयु के 60 वर्ष पूरे कर चुके हैं। कोथली आचार्यरत्न देशभूषण जी की जन्मभूमि कोथली नामक गाँव ( मार्ग के लिए 'शान्तिगिरि क्षेत्र' नामक अगला शीर्षक देखिए ) है। यहाँ लगभग एक सौ जैन परिवार निवास करते हैं। देशभूषण हाई स्कूल में दो सौ से ऊपर विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। यहीं पर स्थित गुरुकुल या आश्रम में पचास-साठ छात्र हैं। ये दिगम्बर जैन विद्यार्थी हैं। आश्रम की व्यवस्था समाज के दान से होती है। यहाँ का टेलिफोन नं. शिरगाँव 39 है। यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था भी आश्रम में कर दी जाती है। यहीं से शान्तिगिरि क्षेत्र जाने के लिए मार्ग-दर्शन भी प्राप्त हो जाता है। कोथली गाँव के एक-दो वृद्धों से आचार्यरत्न श्री देशभूषणजी के बारे में प्रतिक्रिया जानने की दृष्टि से प्रश्न किया तो वे बोले--"देशभूषग तो हमसे बहुत आगे निकल गया, हम गहस्थी ो में फंसे यहाँ के यहाँ हो रह गए, पिछड़ गए।" आवायरत्न देशभूषण जी महाराज ने 1987 में इसी स्थान पर सल्लेखना धारण कर देह-विसर्जन कर दिया। उनको प्रेरणा से यहाँ एक आरोग्य धाम की स्थापना भी की गई है। आश्रम की स्थापना 1968 में हुई थी। यहाँ आदिनाथ जिनमन्दिर, छात्रावास, भोजनगृह और धर्मशाला भी है। आश्रम का पता इस प्रकार हैश्री 108 आचार्यरत्न देशभूषण मुनि दिगम्बर जैन आश्रम ट्रस्ट पो. कोथली (कुप्पानवाड़ी) 591287, ता०-चिकोड़ी, जिला-बेलगाँव (कर्नाटक)
SR No.090100
Book TitleBharat ke Digambar Jain Tirth Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajmal Jain
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year1988
Total Pages424
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & History
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy