SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 44
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 8 | भारत के दिगम्बर जैन तीर्थ (कर्नाटक) उपरिलिखित तिराहे से कल्याणी कस्बा 5 कि. मी. की दूरी पर है। पास ही, सरकारी यात्री-निवास (टूरिस्ट होम) है। उसके बाद, कस्बे से पहले एक तालाब पड़ता है जो कि काफी बडा है। उसके पानी पर गलाबी रंग की परत-सी च ही रहती है। इस कारण यह भी एक आकर्षण का एक विषय बन गया है। ___ यात्रियों को यहाँ बस से ही जाना पड़ता है और ठहरने की विशेष सुविधा नहीं है । यात्री-निवास भी कस्बे से 3-4 कि. मी. दूर है । बम्बई-हैदराबाद राजमार्ग पर कल्याणी के निकट के स्थान सस्तापुर (5 कि. मी.) में भी यात्री-निवास की सुविधा है। कल्याणी या बसवकल्याण के पर्यटन के बाद पर्यटक को वापस हुम्नाबाद लौटना चाहिए और वहाँ से गुलबर्गा होते हुए बीजापुर जाना चाहिए। यह केवल सड़क-मार्ग की यात्रा है। गुलबर्गा मार्ग और अवस्थिति सड़क-मार्ग द्वारा हुम्नाबाद से गुलबर्गा 60 कि. मी. की दूरी पर है। यहाँ पहुँचने के लिए बीदर या हुम्नाबाद से कर्नाटक सरकार की आरामदेह (लक्ज़री) बसें भी उपलब्ध हैं । यहाँ से बंगलौर 584 कि. मी. है । बस-स्टैण्ड रे नवे-स्टेशन के पास ही है। यह स्थान मद्रास-बम्बई रेलमार्ग पर बड़ी लाइन का स्टेशन है और मध्य (सेण्ट्रल) रेलवे के अन्तर्गत आता है। रेलवे स्टेशन शहर से कुछ दूर पड़ता है। ____ गुलबर्गा जिले का मुख्यालय गुलवर्गा ही है और सड़क तथा रेलमार्ग द्वारा विभिन्न स्थानों से जुड़ा हुआ है। ___ गुलबर्गा का प्राचीन नाम कलबुर्गी है। कन्नड़ भाषा में इसका अर्थ होता है-'पत्यरों वाली जमीन' या 'पत्थरों की छतों वाला स्थान' या 'पत्थरों का ढेर' । सष्ट है कि यह स्थान और उसके आसपास का भूभाग पथरीला है तथा यहाँ के मकान अधिकांशतः पत्थरों के हैं। ___यहाँ हिन्दी, मराठी और कन्नड़ बोली तथा समझी जाती है। जैन तीर्थयात्रा की दृष्टि से गुलबर्गा का महत्त्व नहीं है किन्तु जैन साहित्य को दृष्टि से इस ज़िले का बहुत महत्त्व है। इस जिले के मलखेड (प्राचीन मान्यखेट), सेडम, हुनसी, अयनूर (आधुनिक अफ़जलपुर), बंकुर, गोगी, हरसुर, हुंचालिगे, मल्लि, इंगलिगे आदि स्थानों में ध्वस्त प्राचीन जिनालय एवं मूर्तियाँ आदि पाई जाती हैं। उन्हें देखते हुए यह निश्चित है कि किसी समय या कम-से-कम राष्ट्रकूट शासकों के समय (ईसा की नौवीं शताब्दी) में यह स्थान जैन-धर्म का एक प्रमुख केन्द्र रहा होगा। गुलबर्गा में महावीर चौक में एक दिगम्बर जैन मन्दिर है। नगर में इस समय करीब 100 दिगम्बर जैन परिवार हैं । इसी प्रकार किराना बाज़ार में एक श्वेताम्बर जैन मन्दिर है और यहाँ 40 के लगभग श्वेताम्बर जैन परिवार हैं ।
SR No.090100
Book TitleBharat ke Digambar Jain Tirth Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajmal Jain
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year1988
Total Pages424
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & History
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy