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180 / भारत के दिगम्बर जैन तीर्थ (कर्नाटक) अलादी रोड (रास्ते में श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ का मन्दिर) । इसी सड़क पर थोड़ी दूर आगे, दाहिने मुड़ने पर एम. टी. (मेन टेम्पल) रोड नामक गली है। वहाँ मस्जिद के सामनेवाली गली से दिगम्बर जैन मन्दिर दिखाई देता है। यदि कोई वैसे पूछेगा तो बहुत कम लोग यह मन्दिर बता पाएँगे। इसलिए इस रास्ते का अनुसरण करना चाहिए।
उपर्युक्त मन्दिर सामने से दो-मज़िला मकान जैसा दिखाई देता है, यद्यपि मन्दिर के स्तम्भ दिखाई देते हैं। इसकी छत पर कवेल (टाइल्स) चढ़े हैं और तीन छोटे-छोटे कलश हैं । मन्दिर का अहाता स्थानीय लाल पत्थर का है।
बसदि का प्रवेशद्वार लकड़ी का है किन्तु उस पर ताँबा जड़ा हुआ है। सामने बलिपीठ है। ऊपर शिखर वाली मंजिल से लकड़ी का एक लम्बा-सा हाथ दोनों ओर लटकता दिखता है। इसे 'अभयहस्त' कहते हैं। बसदि के मूलनायक शान्तिनाथ हैं। उनकी प्राचीन प्रतिमा पद्मासन में लगभग दोफट ऊँची है। उन्हीं के नाम पर यह मन्दिर 'मंगलर शान्तिनाथ स्वामी जैन मन्दिर' कहलाता है। तीर्थंकरों की मकर-तोरणयुक्त अनेक मूर्तियाँ भी यहाँ हैं। आदिनाथ की भी तीन फुट ऊँची पद्मासन में प्रतिमा है। पद्मावती की मूर्ति भी यहाँ प्रतिष्ठापित है । मन्दिर में प्रदक्षिणापथ भी है । अग्रमण्डप की छत लकड़ी की है। प्रवेशद्वार की चौखट और दरवाज़े पर चाँदी चढ़ी है। सिरदल पर कीर्तिमुख का अंकन है।
इस नगर में श्रीमंतीबाई के नाम से एक संग्रहालय (Museum) भी है । उसमें अनेक जैन प्रतिमाएँ संग्रहीत हैं । इनमें तीर्थंकर पार्श्वनाथ की धातुमूर्ति (चित्र क्र. 80-81), चौबीसी और स्फटिक प्रतिमाएँ आदि मनोहारी हैं।
___मंगलोर में लगभग पचास दिगम्बर जैन परिवार निवास करते हैं। किन्तु कोई जैन धर्मशाला नहीं है, पहले थी। यात्री बस-स्टैण्ड के आसपास होटलों में या रेलवे के रिटायरिंग रूम में ठहर सकते हैं । स्टेशन पर दूध उपलब्ध है। शाकाहारी भोजन को 'सस्यहारि' लिखा गया है।
सूचना
मंगलोर से लगभग 15 कि. मी. की दूरी पर तलपाड़ी नामक स्थान से केरल की सीमा प्रारम्भ हो जाती है । मंगलोर से कासरगोड (शहर) जानेवाली सड़क पर स्थित बंगर मंजेश्वर नामक गाँव (मंगलोर से 27 कि. मी.) में एक प्राचीन मन्दिर बारहवीं सदी का है। दूसरा जैन मन्दिर या मठ भी प्राचीन है । इन दोनों में आज भी पूजन होती है। इन्हें अवश्य देखना चाहिए। वापस मंगलोर लौटकर सीधे धर्मस्थल (39 फुट उत्तुंग बाहुबली प्रतिमा) के दर्शनार्थ जाना चाहिए जो कि मंगलोर से 75 कि. मी. है।