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________________ राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के जैनतीथ : संक्षिप्त परिचय और यात्रा-मार्ग तिजारा - श्री चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र देहरा - तिजारा दिल्ली और अलवरमध्य अवस्थित है । यह दिल्लीसे ११२ कि. मी. एवं अलवर से ५३ कि. मी. दूर है। दिल्ली, रिवाड़ी, अलवर, खैरथल, फीरोजपुर झिरका आदिसे यहाँके लिए सीधी बस सेवा चालू है । खेरथल यहाँका सबसे निकट रेलवे स्टेशन है, जहाँसे यह क्षेत्र २७ कि. मी. है। यह स्टेशन पश्चिमी रेलवेके रिवाड़ी और बांदीकुई स्टेशनोंके मध्य अवस्थित है । यहाँपर दिनमें प्रत्येक ट्रेनपर क्षेत्रके लिए बस उपलब्ध होती है । दिल्ली से खैरथल स्टेशन १३१ कि. मी. दूर है । क्षेत्रपर विशाल धर्मशाला है । पहले यह पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र कहलाता था । किन्तु इसकी भारत व्यापी ख्याति दिनांक १६ - ८ - १९५६ को भूगर्भसे उत्खनन में चन्द्रप्रभ भगवान्की श्वेत प्रतिमाके प्रकट होनेपर हुई और यह निरन्तर बढ़ती ही गयी । यहाँ आकर व्यन्तर- बाधा, नाना प्रकार के रोग और मानसिक व्याधियां दूर हो जाती हैं और मनोकामनाएँ पूर्ण हो जाती हैं, जनताकी ऐसी श्रद्धा है । इसलिए यहाँ प्रत्येक रविवारको विशेषतः माह के अन्तिम रविवारको दिल्ली आदि नगरोंसे हजारों भक्त दर्शनार्थं आते हैं । जयपुर - खैरथलसे जयपुर रेल द्वारा १७७ कि. मी. है। यह एक दर्शनीय नगर है और गुलाबी शहर के नामसे देश-विदेशों में प्रसिद्ध है । नगरमें अनेक दिगम्बर जैन मन्दिर और धर्मशालाएँ हैं । मन्दिरों में पाटोदीका मन्दिर, लश्करका मन्दिर, संघीजीका मन्दिर, बड़े दीवानजीका मन्दिर, दारोगाजीका मन्दिर, ठोल्योंका मन्दिर, चौबीस महाराजका मन्दिर, महावीर मन्दिर कालाडेरा आदि बड़े मन्दिर हैं । यहीं विख्यात विद्वान् पं. टोडरमलजी, दौलतरामजी काशलीवाल, पं. सदासुखजी, पं. जयचन्द छावड़ा आदि हुए थे। पं. टोडरमलजी बधीचन्दजीके मन्दिर में बैठकर शास्त्र लिखते थे और बड़े मन्दिर में शास्त्र प्रवचन किया करते थे । नगरसे लगभग ३ कि. मी. दूर श्री पार्श्वनाथ चूलगिरि दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र है । यह एक सुरम्य पहाड़ी पर स्थित है | पहाड़ीपर जाने के लिए सोपान - मार्गं है। पहाड़ीपर विशाल मन्दिर बना हुआ है । जयपुर के निकट आमेर और सांगानेरके मन्दिर भी दर्शनीय हैं । पदमपुरा - घाटगेट ( जयपुर ) से श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र पदमपुरा ( बाड़ा ) के लिए प्राइवेट बसें चलती हैं जो खानिया, गौनेर होती हुई जाती हैं। इस मार्ग से पदमपुरा २४ कि. मी. पड़ता है। भट्टारकजीकी नसिया ( जयपुर ) से सरकारी बसें चलती हैं जो सांगानेर, शिवरासपुरा होती हुई जाती हैं। इस मार्ग से क्षेत्र ३२ कि. मी. पड़ता है। जयपुरसे सवाई माधोपुर जानेवाले रेलमार्गपर शिवदासपुरा-पदमपुरा स्टेशन है। वहाँसे क्षेत्र ६ कि. मी. दूर है। प्रत्येक ट्रेनर क्षेत्र के लिए बस मिलती है । यह क्षेत्र पद्मप्रभ भगवान्की मूर्तिके अतिशयोंके कारण अतिशय क्षेत्र कहलाता है । तिजाराकी तरह यहाँ भी ऐसी मान्यता है कि यहां भूतबाधा और रोग दूर हो जाते हैं और मनोकामनाएँ पूर्ण हो जाती हैं । यहाँका नवनिर्मित मन्दिर दर्शनीय है ।
SR No.090099
Book TitleBharat ke Digambar Jain Tirth Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBalbhadra Jain
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year1978
Total Pages452
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & History
File Size21 MB
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