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भारतके दिगम्बर जैन तीर्थ
सौभाग्य मानता है। मैं भारतवर्षीय दि. जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी, बम्बईको धन्यवाद देता है जिसने इन ग्रन्थोंका समस्त व्यय-भार वहन किया। भारतीय ज्ञानपीठके सुयोग्य मन्त्री बाबू लक्ष्मीचन्द्रजीकी कृपा और स्नेहको नहीं भुला सकता, जिन्होंने मुझे हर प्रकारको सुविधा प्रदान की। वे मेरे बड़े भाईके समान हैं और मेरे प्रति उनका व्यवहार सदा इसी रूपमें रहा है । मैं उनकी प्रशासनिक कुशलता, साहित्यिक प्रतिभा और व्यावहारिक निपुणताका सदा कायल रहा हूँ।
अपने मित्र डा. गुलाबचन्द्र जीके प्रति भी अपना हार्दिक आभार प्रकट किये बिना नहीं रह सकता, जिन्होंने मुझे हर प्रकारका सहयोग दिया और ग्रन्थ-सम्पादन, सम्बन्धित चित्रोंका चुनाव, मानचित्र तैयार कराने आदि बातोंसे लेकर ग्रन्थके प्रकाशन तक सम्पूर्ण व्यवस्थामें रुचि ली।
भारतकी समस्त जैन पत्र-पत्रिकाओंमें विशेषकर अनेकान्तमें समय-समयपर तीर्थक्षेत्र आदिसे सम्बन्धित ऐतिहासिक सामग्री प्रकाशित होती रही है। प्रस्तुत ग्रन्थके लेखनमें उनसे बहुत सहायता मिली है । अतः उनके लेखकोंके प्रति आभार व्यक्त करना मेरा कर्तव्य है ।
अन्तमें, मैं उन सभी सज्जनोंका हृदयसे आभारी हैं, जिन्होंने इस ग्रन्थके निर्माणमें किसी रूपमें भी सुविधा या सहयोग प्रदान किया । समयाभावके कारण कुछ तीर्थस्थानोंपर स्वयं जाकर सर्वेक्षण कार्य नहीं 'कया जा सका। किन्तु वहाँके प्रबन्धक तथा सम्बन्धित सज्जनोंसे समय रहते सामग्री प्राप्त होनेसे उसका उपयोग कर लिया गया। उन सभी तीर्थ प्रबन्धकों और सज्जनोंके प्रति भी मैं बहुत आभारी हूँ।
-पं. बलभद्र जैन