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गुजरातके दिगम्बर जैन तीर्थ
२०१ आपसी मतभेदोंके कारण ईडरको दिगम्बर समाज क्षेत्रको ओरसे उदासीन हो गयी। इस अवसरसे लाभ उठाकर श्वेताम्बर समाजने इस क्षेत्रपर अपना अधिकार कर लिया। किन्तु मूलनायक पाश्वनाथ प्रतिमा अभी भी दिगम्बर आम्नायकी ही विराजमान है।
____ईडरके आसपास कई अतिशय क्षेत्र अथवा प्राचीन मन्दिर हैं जो आज उपेक्षित दशामें पड़े हुए हैं। ईडर जिलेमें मुडैठीके पास और ईडरसे तीन मील दूर पर्वतमें एक प्राचीन शिखरबन्द जिनालय है। उसमें चिन्तामणि पाश्वनाथको ३ फुट ऊंची प्रतिमा है। प्रतिमा बड़ी मनोज्ञ है।
ईडर जिलेमें टाकाटूका और बोईडाके बीचमें जंगलके अन्दर नदीके किनारे आदीश्वर भगवान्का शिखरबन्द बड़ा प्राचीन मन्दिर है। प्रतिमा को अवगाहना ढाई फुटकी है। इसके बगलमें दोनों ओर २-२ फुट ऊंची दो प्रतिमाएं विराजमान हैं।
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