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परिशिष्ट-१
३३९ विविशा
____ ग्यारसपुरसे विदिशा ३८ कि. मी. है। पक्की सड़क है। श्रीमन्त सेठ लक्ष्मीचन्द्रजीको जैन धर्मशाला सुविधाजनक है। इसीमें ऊपरके भागमें जिनालय है। इसमें इधर-उधरसे प्राप्त अनेक जैन मूर्तियाँ सुरक्षित हैं। इनमें ९वीं-१०वीं शताब्दो तककी मूर्तियाँ हैं। यहाँ सरकारी संग्रहालय भी है। इसमें दुर्जनपुरासे उत्खननमें प्राप्त और गुप्त सम्राट् रामगुप्त द्वारा प्रतिष्ठित चन्द्रप्रभ तीर्थकरकी मूर्ति विराजमान है । इसके अतिरिक्त उदयगिरि आदि स्थानोंसे प्राप्त मध्यकालीन जैन मूर्तियां भी हैं। उदयगिरि
विदिशासे ६ कि. मी. दूर उदयगिरिकी प्रसिद्ध गुफाएं हैं। पक्की सड़क है। तांगे या स्कूटर द्वारा जा सकते हैं। गफाओंमें गफा नं.२० और १जैन गफाएँ हैं। गफा नं.२० में गप्त संव
संवत् १०६ का एक अभिलेख तथा गुप्तकालीन मूर्तियाँ उपलब्ध हैं। गुफा नं. १ में भी सुपार्श्वनाथको एक प्राचीन मूर्ति विराजमान है। इन दो गुफाओंके अतिरिक्त शेष गुफाएँ शैव और वैष्णव धर्मसे सम्बन्धित हैं । इनमें कई गुफाएँ गुप्त-कालकी हैं । सांची यहाँसे ८ कि. मी. है। पठारी
उदयगिरिसे विदिशा लौटकर वहाँसे मण्डी-बामौरा ट्रेनसे ६८ कि. मी. जायें । वहाँसे पठारी १२ कि. मी. है। यहां गडरमल मन्दिर और वनमन्दिर नामके दो प्राचीन जैन मन्दिर हैं जो संभवतः ८-९वीं शताब्दीके होंगे। यहां अनेक प्राचीन जैन मूर्तियाँ तथा मन्दिरोंके ध्वंसावशेष पड़े हुए हैं। मक्सी पार्श्वनाथ
पठारीसे बामौरा-मण्डी लौटकर वहाँसे रेल या बस द्वारा १२१ कि. मी. भोपाल जाना चाहिए तथा वहांसे रेल द्वारा या बस द्वारा ( लगभग १४३ कि. मी.) मक्सी जाना चाहिए। क्षेत्रपर एक परकोटेमें दो मन्दिर और धर्मशालाएँ हैं। बड़ा मन्दिर पाश्वनाथ भगवान्का है । इस मन्दिरमें दिगम्बर और श्वेताम्बर दोनों सम्प्रदायवाले अपनी-अपनी मान्यतानुसार दर्शनपूजन करते हैं। दर्शनोंके लिए समयका कोई प्रतिबन्ध नहीं है। पूजनका समय दिगम्बर सम्प्रदायके लिए प्रातः ६ से ९ तक निश्चित है। मूर्ति अत्यन्त अतिशय सम्पन्न है। इस मन्दिरकी परिक्रमामें ४२ देहरियाँ (छोटे देवालय ) बने हुए हैं। छोटा मन्दिर सुपाश्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर है। इस मन्दिरके पृष्ठ भागमें यात्रियोंके ठहरनेकी व्यवस्था है। इसके अहातेसे लगा हुआ विश्रान्तिभवनका अहाता है। इसके ऊपरी भागमें मालवा प्रान्तिक दिगम्बर जैन गुरुकुल चल रहा है तथा नीचेका भाग यात्रियोंके लिए है। नल, बिजली आदिको समुचित व्यवस्था है। क्षेत्र बस्तीके बीचमें है और वहाँ तक सड़क है। क्षेत्रका पता है-मन्त्री, श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, मक्सी ( जि. उज्जैन) म. प्र.। फाल्गुनी अष्टाह्निकामें क्षेत्रपर वार्षिक मेला होता है। उज्जैन
__ मक्सीसे उज्जैन रेल मार्ग द्वारा ४१ कि. मी. है। पक्की सड़क है। यहाँके श्मसानमें रुद्रने भगवान् महावीरपर उपसर्ग किया था। यहींसे निमित्त-शास्त्र द्वारा बारह वर्षके भावी दुष्कालका